भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

उपेक्षा नहीं कांग्रेस से टिकट की अपेक्षा से बदली निष्ठा

  • 6 महीने में 40 नेताओं ने छोड़ी भाजपा, थामा कांग्रेस का हाथ

भोपाल। मप्र में बड़ी संख्या में भाजपा नेता कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं। सब एक ही बात पर कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा में हो रही उपेक्षा के कारण अपनी निष्ठा बदली है। जबकि हकीकत यह है कि जिन बड़े नेताओं ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है, उनकी एक ही अपेक्षा है कि उन्हें टिकट मिलेगा। लेकिन कांग्रेस में जिस तरह की स्थिति नजर आ रही है, उससे लग रहा है कि शायद ही सभी नेताओं को टिकट मिल सके। गौरतलब है कि दल-बदल की स्थिती दोनों ही पार्टीयों में है। कांग्रेस के नेता भी पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं। लेकिन उनमें कोई बड़ा नेता या कोई पूर्व विधायक, सांसद नहीं है। अमित शाह ने पार्टी बैठक में कहा था कि पार्टी में अन्य दलों के नेताओं को शामिल करवाएं, इससे माहौल बनता है।

उधर, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेताओं का लगातार पार्टी से होता मोहभंग सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसा कोई हफ्ता नहीं जा रहा जब भाजपा से कोई नेता कांग्रेस में नहीं जा रहा हो। ऐसे नेताओं की संख्या 40 के पार पहुंच गई है, जो आगामी चुनाव में भाजपा के लिए अच्छे संकेत तो नहीं है। इस साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के सभी दिग्गज नेता प्रदेश के लगातार दौरा कर रहे हैं। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे बड़े नाम चुनावी साल में अपनी बैठकें और दौरे जारी रखे हुए हैं। वहीं, सूबे के असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा तमाम केंद्रीय स्तर के नेताओं को दिया हुआ है, इसके बवजूद पार्टी छोड़कर भाजपा नेताओं का कांग्रेस जॉइन करने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। इसमें ताज़ा नाम नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) इलाके के कद्दावर नेता और 2 बार के भाजपा विधायक गिरिजाशंकर शर्मा का है। हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले गिरिजाशंकर शर्मा भाजपा के स्थानीय विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर सीताशरण शर्मा के सगे भाई हैं। गिरिजाशंकर ने पार्टी छोडऩे के पीछे पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी को बड़ी वजह बताया है। उन्होंने आरोप लगाए कि बीते 10 साल से अधिक समय से पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है। संगठन में नए लोग आ गए हैं, यह नए लोग पुराने लोगों को लगातार दरकिनार कर रहे हैं। पुराने नेताओं की पूछपरख नहीं की जा रही है और संगठन में भी कोई सुनने वाला नहीं है। गिरिजाशंकर शर्मा ही नहीं, भाजपा के कई दिग्गज नेता इस चुनावी साल में पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। भाजपा से अब तक करीब 40 छोटे बड़े नेताओं ने इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली है।


भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रमुख नेता
पिछले छह माह के दौरन भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में आदिवासी नेता और पूर्व सांसद माखन सिंह सोलंकी (बड़वानी), सेवड़ा के पूर्व विधायक राधेलाल बघेल, जनसंघ के संस्थापक सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी (हाटपिपल्या), मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर की आष्टा विधानसभा के जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह चौहान, पूर्व विधायक राव देशराज सिंह जी के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव (अशोक नगर), पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की पत्नी पूर्व विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे और उनके बेटे ने भी कांग्रेस जॉइन की। वहीं पूर्व मंत्री सतना के बड़े अल्पसंख्यक नेता सईद अहमद, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया के भाई हेमंत लारिया, हरदा में मंत्री कमल पटेल के सहयोगी रहे दीपक सारण, मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर रही प्रसिद्ध पर्वतारोही मेघा परमार भी कांग्रेस में शामिल हुईं। मेघा मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के गृह ज़िले सीहोर के इच्छावर विधानसभा के गांव भोजनगर की निवासी हैं। वहीं नीतू परमार नगर पालिका अध्यक्ष मुल्ताई बैतूल, पंकज लोधा, धार, समंदर पटेल, नीमच, अजुम रहबर, इंदौर, रोशनी यादव, निवाड़ी, बैजनाथ सिंह यादव, शिवपुरी, वेदांती त्रिपाठी, नितिन दुबे पत्रकार, सीहोर, ध्रुव प्रताप सिंह, विजयराघौगढ़, कटनी, मलखान सिंह, भिंड, अवधेश नायक, दतिया, शुभांगना राने, धार, नीरज शर्मा, सुरखी सागर, जितेन्द्र जैन गोटू, राजकुमार धनौरा सुरखी, राजू दांगी, दतिया, देवराज बागरी, सतना, वंदना बागरी, सतना, शंकर महतो, बहोरीबंद (कटनी), बजरंग सेना के रघुनंदन शर्मा, रामशंकर मिश्रा, अरुण पाठक, उर्मिला मराठा, अम्बरीश राय, राजेन्द्र सिंह मुरावर तथा रणवीर पटैरिया ने भी कांग्रेस का हाथ थामा है। वहीं भंवर सिंह शेखावत पूर्व विधायक भाजपा, जिला धार, चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा जिला सागर (2 बार झांसी से सांसद रहे सुजान सिंह बुंदेला के पुत्र), वीरेंद्र रघुवंशी, भाजपा विधायक कोलारस (जिला शिवपुरी), छेदीलाल पांडे शिवम पांडे कटनी, अरविंद धाकड़ शिवपुरी, सुश्री अंशु रघुवंशी गुना, डॉ. केशव यादव भिंड, डॉ. आशीष अग्रवाल गोलू, भोपाल भाजपा के पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के भांजे, महेंद्र प्रताप सिंह नर्मदापुरम और गिरिजाशंकर शर्मा, पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि चुनाव के ठीक पहले इन नेताओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं के चले जाने से कैडर वाली पार्टी कहे जाने वाली भाजपा के सामने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। इसके अलावा जो नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनका भी क्षेत्र में प्रभाव है। ऐसे में भाजपा के वोट भी उन नेताओं के साथ शिफ्ट होने का खतरा बढ़ गया है।

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