नई दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) ने यूपीआई से जुड़ी(Connected to UPI) सेवाओं में बदलाव(Changes in services) करते हुए बैंकों और यूपीआई की सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों के लिए भी कड़े प्रावधान किए हैं। नए नियमों के तहत अब उन्हें हर सफल लेनदेन के बाद ग्राहकों को शेष राशि (बैलेंस) की जानकारी भेजनी होगी ताकि ग्राहक बार-बार उसे न जांचें।
1 अगस्त से लागू होने वाले नए बदलावों के तहत, अब एक ग्राहक किसी भी एक ऐप से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस जांच सकेगा। यानी अगर ग्राहक पेटीएम और फोनपे दोनों इस्तेमाल करता है तो दोनों पर अलग-अलग 50 बार बैलेंस जांच सकता है। वहीं, व्यस्त समय में (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक) के दौरान शेष राशि (बैलेंस) जांचने जैसे अनुरोधों को सीमित किया जाएगा या रोका जाएगा।
इसके साथ ही उपयोगकर्ता यूजर अब किसी भी यूपीआई ऐप से एक दिन में केवल 25 बार ही यह देख पाएंगे कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक खाते जुड़े हुए हैं। यह भी तभी होगा जब ग्राहक खुद बैंक को चुनें और उसकी सहमति से ही यह प्रक्रिया दोबारा हो पाएगी।
बैंकों के लिए निर्देश
उधर, हर संबंधित बैंक को साल में एक बार मान्यता प्राप्त ऑडिटर्स से सिस्टम का ऑडिट कराना होगा। पहली ऑडिट रिपोर्ट 31 अगस्त 2025 तक जमा करनी अनिवार्य होगी। एनपीसीआई ने साफ किया है कि इन 10 सुविधाओं में में से केवल एक (ऑटोपे मैंडेट) ही वित्तीय है, बाकी नौ गैर वित्तीय है। इसलिए यूपीआई लेनदेन जैसे-पैसे भेजना या प्राप्त करना, इन सीमाओं से प्रभावित नहीं होंगे।
सेवा बाधित होने के चलते फैसला
बताया जा रहा है कि यह फैसला यूपीआई सेवा के बार-बार बाधित होने के चलते लिया गया है। इससे यूपीआई नेटवर्क पर दबाव कम होगा और वह सुचारू होगी।
यहां भी बदलाव हुए
1. ऑटोपे मैंडेट : यूपीआई ऑटोपे मैंडेट्स केवल गैर-व्यवस्त घंटों में ही सक्रिय होंगे। व्यस्त घंटे सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे तक माने जाएंगे। इस अवधि में ऑटोपे मैंडेट्स निष्क्रिय रहेंगे।
2. लेनदेन स्थिति जांच में देरी: लेनदेन की स्थिति जांचने के लिए पहला अनुरोध मूल लेनदेन के 90 सेकंड बाद ही किया जा सकेगा। इसके बाद के अनुरोध 45 से 60 सेकंड के अंतराल पर किए जा सकते हैं।
3. खातों की सूची : उपयोगकर्ता प्रति ऐप प्रति दिन अधिकतम 25 बार ही अपने मोबाइल नंबर से जुड़े खातों की सूची प्राप्त कर सकेंगे।
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