नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जेकेपीएसआई परीक्षा पेपर लीक मामले में (In JKPSI Exam Paper Leak Case) 24 आरोपियों के खिलाफ (Against 24 Accused) आरोपपत्र दाखिल किया (Charge Sheet Filed) । केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बीएसएफ के तत्कालीन कमांडेंट, तत्कालीन एएसआई और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल, सीआरपीएफ के अधिकारियों, शिक्षकों और अन्य व्यक्तियों सहित 24 आरोपियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस सब-इंस्पेक्टर (जेकेपीएसआई) परीक्षा पेपर लीक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया।
मामला दर्ज होने के बाद, जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के कुछ अधिकारियों सहित आरोपी व्यक्तियों के परिसरों में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और बेंगलुरु सहित 77 स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान बीस लोगों को गिरफ्तार किया गया और 61.79 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई। सीबीआई ने 3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 33 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, तत्कालीन अवर सचिव, जेकेएसएसबी के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी, पूर्व सीआरपीएफ कर्मी, एक जम्मू-कश्मीर पुलिस एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी, निजी व्यक्तियों और अज्ञात अन्य शामिल थे।
4 जून को परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी व्यक्तियों ने जेकेएसएसबी, बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य अधिकारियों को शामिल करके एक साजिश रची और लिखित परीक्षा के संचालन में घोर अनियमितताएं कीं।
जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों से चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से उच्च था। जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्न पत्र सेट करने का कार्य सौंपने में पाया गया था। 5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर और बेंगलुरु समेत 30 आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई।
जांच कई राज्यों में चल रही थी, जिसमें भारी मात्रा में तकनीकी डेटा का विश्लेषण और बड़ी संख्या में गवाह से पूछताछ शामिल थी। जांच से पता चला है कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र तक पहुंचने के लिए आरोपी व्यक्तियों को 20-30 लाख रुपये का कथित भुगतान किया गया था। इस संबंध में, हरियाणा में अधिवासित एक गिरोह, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जेकेएसएसबी के कुछ सेवारत/सेवानिवृत्त कर्मियों की संलिप्तता सामने आई थी।
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