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देश में 70 साल बाद हो रही चीतों की वापसी, PM मोदी आज बर्थडे पर देंगे गिफ्ट

श्योपुर। भारत (India) में 70 साल बाद (70 years later) फिर से चीतों (Cheetah Coming to India) की वापसी होगी। देश से लुप्त हो चुके चीतों को नामीबिया (Namibia) से लाकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Kuno Wildlife Sanctuary) में शनिवार को छोड़ा जाएगा। नामीबिया की राजधानी विंडहोक से आठ चीते भारत आ रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मौजूद रहेंगे। चीते विशेष मालवाहक विमान से लाए जा रहे हैं, जो विशेष रूप से बोइंग 747 को तैयार करके बनाया गया है। इस विमान पर चीते का मुंह प्रिंट किया गया है।

ऐसे लाए जाएंगे
विशेष मालवाहक विमान 747-400 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि चीतों को आभास न हो कि उन्हें कहीं बाहर ले जाया जा रहा है। चीतों के पास सिर्फ पशु चिकित्सकों को जाने की अनुमति है।

– नामीबिया से भारत आने में 11 घंटे लगेंगे
– चीतों को बीमार होने से बचाने के लिए खाली पेट लाया जा रहा है
– ग्वालियर से चीतों को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिये केएनपी हेलीपैड पर उतारा जाएगा।
– 17 सितंबर की सुबह ग्वालियर हवाई अड्डे पहुंचने के बाद दोपहर में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में ले जाया जाएगा।


देश में अंतिम चीते की मौत 1947 में हुई थी
देश में 1952 में विलुप्त घोषित किए जा चुके हैं चीते। अंतिम चीते की मौत 1947 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी।

क्या भारत में चीते रह सकेंगे?
अफ्रीका में भारत की तरह ही सर्दी, गर्मी तथा बारिश का मौसम रहता है। चीतों को जिंदा रहने के लिए दो महत्वपूर्ण परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। शिकार के लिए उनको खुले सवाना तथा घास के मैदान होने चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि पार्क में इनके अनुकूल जगह बनाई गई है।

कड़ी निगरानी में रहेंगे
नामीबिया से आ रहे चीतों को सुरक्षा के मद्देनजर वैक्सीन लगाई गई है। साथ ही सैटेलाइट कॉलर भी पहनाया गया है। भारत में चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में एक महीने के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। लगातार कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। बाद में संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।

तीन नर चीते
– पहले और दूसरे नर चीते की उम्र 5.5 साल है। दोनों नर चीता भाई हैं जो ओटजीवारोंगो के पास एक निजी रिजर्व के जंगल में रह रहे हैं। जुड़वा नर शावक जीवन भर साथ रहते हैं और मिलकर शिकार करते हैं।
– तीसरे नर चीते का जन्म 2018 में नामीबिया के एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में हुआ था। उसका जन्म चीता कंजरवेशन फाउंडेशन द्वारा पुनर्वासित किया गया था।

पांच मादा
– पहली मादा चीते की उम्र दो साल है। यह नामीबिया 2020 में गोबासिस शहर के पास कुपोषित हालत में मिली। बताया जाता है कि उसकी मां की कुछ हफ्ते पहले मौत हो गई थी।
– दूसरी मादा की उम्र साढ़े तीन साल है। 2022 तक सीसीएफ की टीम द्वारा बचाए जाने से पहले यह मादा चीता बार-बार जाल में फंसती रही।
– तीसरी मादा चीते की उम्र ढाई साल है। यह अप्रैल 2020 में एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में पैदा हुई। इसकी मां पहले से ही पुनर्वास कार्यक्रम का हिस्सा थी।
– चौथी मादा की उम्र पांच साल है। यह 2017 में एक फार्म मजदूर को कुपोषित मिली। उसने इसकी देखभाल की और सीसीएफ ने बचाया।
– पांचवी मादा की उम्र पांच साल है। यह चौथी मादा चीता की अच्छी दोस्त है। दोनों आमतौर पर हमेशा अपने बाड़े में एकसाथ पाई जाती हैं।

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