- संभागों में जाकर जिलों के हालात की कर रहे समीक्षा
भोपाल। कोरोना नियंत्रण (Corona Control) को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) भोपाल में बैठकर रोजाना जिला अफसरों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए चर्चा कर रहे हैं। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री (Chief Minister) जनता का दर्द जानने के लिए खुद जिलों में जा रहे हैं। वे संभाग स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायक, मंत्री एवं अफसरों के साथ कोरोना (Corona) पर चर्चा कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन बैठकों में मुख्यमंत्री (Chief Minister) अफसरों से ज्यादा जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठनों से फीडबैक (Feedback) रहे हैं। जबलपुर (Jabalpur) प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री को सामाजिक संगठनों के जरिए प्रशासन की बड़ी खामी पता चली। इसके बाद मुख्यमंत्री (Chief Minister) हर संभाग स्तर पर पहुंच रहे हैं। वे रविवार को ग्वालियर (Gwalior) जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री 10 मई को जबलपुर प्रवास पर गए थे। सामाजिक संगठनों से चर्चा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की हकीकत सामने आई। जबकि जिला प्रशासन ने सरकार को सही फीडबैक (Feedback) नहीं दिया था। सीएम (CM) के जबलपुर दौरे को देखते हुए ही वहां नकली इंजेक्शन (Injection) बेचने वाले और मरीजों की मौत के आरोपी अस्पताल (Hospital) पर कार्रवाई हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शहडोल (Shadol) एवं रीवा (Rewa) पहुंचकर प्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों से फीडबैक लिया। बैठक में शहडोल मेडिकल कॉलेज (Shahdol Medical College) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से मरीजों की मौत का मामला उठा था। पिछले 10 दिन के भीतर मुख्यमंत्री सागर का दो बार दौरा कार चुके हैं। वीना रिफायनरी के पास कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था। अब मुख्यमंत्री रविवार को ग्वालियर और चंबल संभाग के अफसर, नेता एवं सामाजिक संगठनों के चर्चा करेंगे। सीएमओ सूत्रों ने बताया कि सामाजिक संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर ही मुख्यमंत्री ने अनाथ बच्चों को पेंशन देने का फैसला तत्काल किया है। अन्य ऐसी जानकारी मिली है जो मैदानी अफसरों ने शासन से छिपाई है। जिसमें दवा माफिया पर कार्रवाई एवं लोगों को लूटने वाले अस्पतालों पर प्रशासनिक कार्रवाई में ढिलाई भी शामिल है। सीएम की सख्ती के बाद ही दवा माफिया पर कार्रवाई हो रही है।