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बच्‍चों को थियेटर में दिखाना पड़ सकता है उम्र सर्टिफिकेट, सरकार इस एक्‍ट में करने जा रही बदलाव


मुंबई: केंद्र सरकार के प्रस्तावित सिनेमैटोग्राफ बिल 2021 (Cinematograph Bill 2021) को लेकर फिल्म निर्माता परेशान हैं. इस अमेंडमेंट के मुताबिक कोई फिल्म सेंसर बोर्ड (film censor board) से पास भी हो जाए तो उस पर प्रतिबंध का खतरा बरकरार रहेगा. ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ (CBFC) की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद भी इसकी जांच की जा सकती है. इसके अलावा फिल्म देखने वाले अगर अपने बच्चों को लेकर सिनेमाघर में जा रहे हैं तो उनके उम्र का सर्टिफिकेट भी साथ रखना होगा, क्योंकि सेंसरशिप की 3 नई कैटेगरी होगी. 7 साल से अधिक, 13 साल से अधिक और 16 साल से अधिक ऐज ग्रुप्स की कैटेगरी तय की जा रही है.

फिल्म इंडस्ट्री के लोगों में खलबली
फिल्म इंडस्ट्री(film industry) के लोग इस एक्ट के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इस बिल पर एक्टर कमल हासन ने ट्वीट कर अपनी आजादी को लेकर चिंता जाहिर की है.

सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में बदलाव
दरअसल, सरकार ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में बदलाव लाने जा रही है. माना जा रहा है कि अमेंडमेंट के बाद इसे सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2021 कहा जाएगा. इसके 6 सेक्शन में सरकार(Government) सुधार करने वाली है. नए प्रावधान के मुताबिक ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ (CBFC) से सर्टिफिकेट मिलने के बावजूद किसी को शिकायत है तो उसे फिर से सेंसर बोर्ड के पास समीक्षा के लिए भेजा जाएगा.



किन-किन मुद्दों पर बदलाव हो सकता है ?
किसी को अगर लगता है कि किसी फिल्म से भारत की सुरक्षा, सार्वजनिक शांति के साथ-साथ शिष्टता और नैतिकता का पालन नहीं किया जा रहा या इससे कोर्ट का अपमान हो रहा है तो सरकार ऐसी किसी भी फिल्म पर फिर से विचार करने को कह सकती है.

प्रोड्यूसर को नुकसान की आशंका
किसी फिल्म के रिलीज हुए कुछ समय होने के बाद अगर किसी ने शिकायत कर दी और सरकार ने फिर समीक्षा करवा दी तो दो बातें हो सकती हैं या तो फिल्म पर रोक लग जाएगी या फिर सीन, गाना, संवाद हटाना पड़ेगा. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री के पंडितों की माने तो फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोड्यूसर समेत इससे जुड़े कई लोगों को करोड़ों का नुकसान हो सकता है.

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