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चीन ने लद्दाख सीमा पर किया समझौतों का उल्लंघनः एस. जयशंकर

नई दिल्ली (New Delhi)। लद्दाख (Ladakh border) में सीमा गतिरोध के कारण भारत और चीन (India and China) के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (India’s Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि चीन ने समझौतों का उल्लंघन कर सैनिकों की संख्या बढ़ाई। मामल्लापुरम और वुहान (Mamallapuram and Wuhan) में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुई बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने कूटनीति के माध्यम से संबंधों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन निर्धारित मानदंडों के उल्लंघन में 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control) पर चीन के सैन्य निर्माण के बाद संबंधों में एक अलग मोड़ आ गया। हमें भी सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात करना पड़ा है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत और चीन उभर रहे हैं और इस प्रक्रिया में दोनों देश विश्व व्यवस्था को बदल रहे हैं। बता दें, जयशंकर सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।


मानवाधिकार परिषद की बैठक में भी हुए शामिल
इसके अलावा, विदेश मंत्री ने नई दिल्ली से वीडियो लिंक के माध्यम से मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र को भी संबोधित किया। सोमवार को कहा कि पुरानी संरचनाओं को सुधारने, प्रणालीगत खामियों को ठीक करने और वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले बहुपक्षीय ढांचे को तत्काल बनाने का समय आ गया है। जयशंकर ने यह भी कहा कि मानवाधिकारों के प्रति भारत का दृष्टिकोण उसके लोकतांत्रिक सिद्धांतों और बहुलवादी लोकाचार में निहित है।

उन्होंने कहा, “भूराजनीतिक चुनौतियों का स्थायी समाधान खोजने के लिए संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर मिलकर काम करना हमारे सामूहिक हित और जिम्मेदारी में है। ऐसा होने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम पहले यह पहचानें कि बहुपक्षवाद को विश्वसनीय, प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए, अब समय आ गया है कि पुरानी संरचनाओं में सुधार किया जाए और प्रणालीगत खामियों को ठीक किया जाए और तत्काल बहुपक्षीय रूपरेखाओं को वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाते हुए उद्देश्य के लिए उपयुक्त बनाया जाए। उन्होंने मानवाधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण तथा हमारे लोगों द्वारा उनके आनंद के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। मंत्री ने कहा कि भारत सभी मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए परिषद के सदस्यों और पर्यवेक्षकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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