वाशिंगटन । अमेरिका और चीन (America and China) के बीच की दुश्मनी से पूरी दुनिया अवगत है और शायद इस बात से भी कि चीन अपनी दुश्मनी निभाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इसी बीच व्हाइट हाउस (White House) के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि चीनी हैकर्स (Chinese Hackers) ने एक हैकिंग अभियान के तहत कम से कम आठ अमेरिकी दूरसंचार प्रदाताओं के नेटवर्क में सेंध लगाई है, ताकि शीर्ष अमेरिकी राजनीतिक हस्तियों की जासूसी की जा सके। इस हैकिंग का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ा है।
एनी न्यूबर्गर ने दी जानकारी
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने पत्रकारों से कहा कि फिलहाल हमें नहीं लगता कि किसी ने इन नेटवर्क से चीनी हैकर्स को पूरी तरह से हटा दिया है, इसलिए संचार में लगातार समझौता होने का जोखिम बना हुआ है।
बता दें कि न्यूबर्गर की यह टिप्पणी बाइडन प्रशासन द्वारा अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक बयान के रूप में आई है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नहीं लगता कि हैकर्स ने किसी वर्गीकृत जानकारी तक पहुंच बनाई है।
यह बयान उस समय आया जब वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने बुधवार को सीनेटरों को चीनी हैकिंग अभियान के बारे में गोपनीय ब्रीफिंग दी। सीएनएन ने पहले रिपोर्ट किया था कि कथित चीनी हैकर्स ने राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प, उपराष्ट्रपति-चुनाव जेडी वेंस और बिडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के फोन संचार को निशाना बनाया। हालांकि, चीन ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है।
हैकिंग से बाहर निकलने में लगे अधिकारी
अमेरिकी अधिकारी अभी भी प्रमुख दूरसंचार प्रदाताओं को चीनी सरकार समर्थित हैकरों को उनके नेटवर्क से बाहर निकालने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके पूरा होने का कोई निश्चित समय नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि वेरिज़ोन और AT&T जैसे प्रमुख दूरसंचार प्रदाता इस काम में सबसे आगे हैं।
एफबीआई ने दी जानकरी
वहीं इस मामले में एफबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफबीआई ने इस साल के अंत या गर्मियों की शुरुआत में चीनी हैकिंग गतिविधि की जांच शुरू की थी। हैकर्स ने बड़ी संख्या में फोन रिकॉर्ड चुराए हैं, जो यह बताते हैं कि लोग कहा, कब और किसके साथ संवाद कर रहे थे, लेकिन कॉल या टेक्स्ट की सामग्री नहीं चुराई गई थी। कुछ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों और राजनीतिज्ञों के लिए, हैकर्स कॉल और टेक्स्ट डेटा को इंटरसेप्ट करने में सक्षम थे।
इसके साथ ही एफबीआई अधिकारी ने यह भी कहा कि हैकर्स ने कुछ ऐसी जानकारी भी कॉपी की है जो अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के आदेशों के तहत थी, लेकिन उनका मुख्य ध्यान दूरसंचार प्रदाताओं के पोर्टल पर नहीं था, जो अदालत के आदेशों के तहत वायरटैपिंग की अनुमति देते हैं।
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