मनोरंजन

CM एकनाथ शिंदे ने Nitin Desai को दी श्रद्धांजलि, आज शाम होगा कला निर्देशक का अंतिम संस्कार

मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने कला निर्देशक नितिन देसाई का बीते बुधवार निधन हो गया। उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी की कहानी समाप्त कर डाली। नितिन का जाना सिनेमाजगत के लिए एक बड़ी क्षति है। शुक्रवार को यानि आज शाम उनका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। एकनाथ शिंदे व पवार ने जेजे अस्पताल पहुंचकर नितिन देसाई को श्रद्धांजलि दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज शाम चार बजे देसाई का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 12 से दो बजे के बीच अंतिम दर्शन के लिए एनडी स्टूडियो में रखा जाएगा। फिलहाल नितिन का शव पोस्टमॉर्टम के बाद मुंबई के जेजे अस्पताल में है। आज सवेरे जेजे अस्पताल पहुंचकर सीएम शिंदे ने नितिन देसाई को श्रद्धांजलि दी।

बता दें कि देसाई की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आज चुकी है, जिसमें मौत की वजह सुसाइड को ही बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नितिन देसाई की बेटी सहित परिवार के कुछ सदस्य विदेश से आने वाले हैं। उनके आने के बाद कला निर्देशक के पार्थिव शरीर को करजत स्थित एनडी स्टूडियो ले जाया जाएगा। नितिन के परिजन चाहते हैं कि उनका अंतिम संस्कार एनडी स्टूडियो में ही किया जाए।


नितिन देसाई आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और उन पर करोड़ों रूपये का कर्जा था। वह तनाव में थे और इसके चलते उन्होंने आत्महत्या का रास्ता चुना। कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी मौत के लिए भी सेट डिजाइन किया था। दरअसल नितिन देसाई को फिल्मों के भव्य सेट डिजाइन करने के लिए जाना जाता था। फिल्मी सेट डिजाइन करने वाले नितिन ने अपनी मौत का भी सेट डिजाइन किया था।

एनडी स्टूडियो के लिए सेट डिजाइन करने वाले एक शख्स के मुताबिक नितिन देसाई ने अपनी मौत का सेट डिजाइन किया था। चश्मदीदों का कहना है कि नितिन देसाई ने एक बड़ा सा धनुष बाण बनाया था। इसी धनुष बाण के बीच में नितिन देसाई ने लटककर आत्महत्या की है। बता दें कि वहां से पुलिस को एक टेप रिकॉर्डर भी मिला है, जिसमें उनका रिकॉर्ड सुसाइड नोट भी है।

Share:

Next Post

भारत में पेड़ों की 347 प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा, राज्य में औसतन 32 प्रजातियां संकटग्रस्त

Fri Aug 4 , 2023
नई दिल्ली। भारत में पेड़ों की 3,708 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें से 347 यानी 9.4 फीसदी प्रजातियां खतरे में हैं। वहीं, 609 प्रजातियां ऐसी भी है जो केवल भारत में ही पाई जाती हैं। यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर से जुड़े वैज्ञानिकों द्वारा […]