लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को सपा-रालोद के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वो (अखिलेश यादव) एक बार फिर नया लिफाफा लेकर आ रहे हैं. केवल लिफाफा नया है. सामान अभी भी पुराना ही है. सीएम ने कहा 10 मार्च के बाद, इनकी पूरी गर्मी शांत करवा देंगे.
सीएम योगी ने बुलंदशहर में कहा कि, कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी दुनिया में तबाही मचा रही है, लेकिन यहां आकर अब समाप्त भी हो रही है. कोरोना से बचाव के लिए जो भी हो सकता था, बीजेपी की सरकार ने किया. उन्होंने कहा, ‘जो लोग वैक्सीन के खिलाफ प्रचार कर रहे थे और कहते थे कि ये मोदी वैक्सीन है, उनके मुंह पर जनता ने तमाचा मारा है. क्योंकि जनता ने वैक्सीन की डोज लगवाई और अब चुनाव में विरोधियों को हार की डोज़ भी लगानी है.
सीएम योगी ने आगे कहा, ‘जब में आया था, तब यूपी में आंतक का माहौल था. बेटियां सुरक्षित नहीं थीं. पांच साल में कोई दंगा नहीं हुआ है. लोगों को अलर्ट करने की जरूरत है. दंगाई सर उठाएंगे तो कुचल दिए जाएंगे.’
सपा सरकार की सवेंदना हमेशा दंगइयों के साथ रही
सीएम ने हापुड़ के पिलखुआ के रामलीला मैदान में आयोजित प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार की सोच परिवारवादी और कार्य दंगावादी रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अंदर आपको यह फर्क स्पष्ट देखने को मिलता होगा. सीएम ने कहा कि 2017 से पहले कोई सुरक्षित नहीं था, बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं. अराजक मंजर था. विकास की योजनाएं ठप पड़ी थीं.
गरीबों को शासन की योजनाएं नहीं मिल पाती थीं. विकास का पैसा इत्र वाले के घर में दीवारों के पीछे कैद हो जाता था. मुजफ्फरनगर के दंगे, सहारनपुर का दंगा, बरेली मुरादाबाद रामपुर और यहां तक कि लखनऊ में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे भी दंगे हुआ करते थे. लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी. सपा सरकार संवेदना दंगाइयों के साथ थी, दंगा पीड़ितों के साथ नहीं.
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