अनूपपुर। आखिरकार खदान में पानी भराव से पिछले सात माह तक बंद रही बिजुरी भूमिगत खदान (Bijuri Underground Mine) से एक बार फिर से उत्पादन के लिए तैयार हो गई। जहां पहली बार शनिवार को खदान के डी सिम ब्लॉक से 60 टन कोयला का उत्पादन किया गया। फिलहाल खदान के भीतर दो एलएचडी (LHD) उत्खनन मशीन लगाए गए हैं, जिसे ट्रायल बेस पर कुछ दिनों तक कम कर्मचारियों के साथ कम कोयला उत्पादन के साथ कॉलरी को संचालित किया जाएगा। जबकि आगामी दिनों तीन मशीनों से कोयला उत्खनन का कार्य करते हुए पूर्व की तरह 250-300 टन कोयला का उत्पान किया जाएगा। लेकिन फिलहाल बिजुरी भूमिगत खदान के संचालन के बाद स्थानीय ठेका मजदूरो, कॉलरी कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। वहीं कॉलरी प्रबंधन अब अपने खदान के अन्य खदानों में भेजे गए कर्मचारियों को वापस बुलाने की तैयारी में जुट गया है।
बताया जाता है कि वर्तमान में बिजुरी भूमिगत खदान (Bijuri Underground Mine) में कोरजा से 50 कर्मचारी और बहेराबांध से 25 से अधिक कर्मचारियों की मदद से बिजुरी भूमिगत खदान के संचालन का कार्य आरम्भ किया है। दरअसल चार तलीय राष्ट्रपति पुरूस्कार से सम्मानित 50 वर्षीय बिजुरी भूमिगत खदान में बारिश के दौरान 9 अगस्त को पानी का भराव हो गया था। जिसमें एकाध दिन कोयला उत्पादन का कार्य किसी प्रकार संचालित किया गया, लेकिन 14 अगस्त से चारो ब्लॉक में 300 फीट मोटा पानी भरने और ऑक्सीजन की कमी के साथ बिजली करंट में अप्रिय घटना को देखते हुए खदान को बंद कर दिया गया था। इसके बाद कॉलरी प्रबंधन ने लगभग 150 ठेका मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए अपने 158 कर्मचारियों व अधिकारियों को बहेराबांध खदान स्थानांतरित कर दिया था। इस दौरान खान प्रबंधक द्वारा पानी निकासी के प्रयास किए गए, लेकिन लगातार बारिश और कॉलरी प्रबंधन द्वारा पानी निकासी में बरती गई लापरवाही में बिजुरी भूमिगत खदान 7 माह के लिए बंद हो गई।
खदान में भरा था 300 फीट मोटा पानी, जहरीले गैस (Poisonous gas) का हुआ था रिसाव
चार तली भूमिगत खदान में 300 फीट मोटा पानी भर गया था। खदान के अंदर हवा की कमी, बिजली की शॉट सर्किट और जहरीले गैस के भराव में जनहानि को देखते हुए खदान को आगामी आदेश के लिए बंद कर दिया गया। लगभग 158 कर्मचारी अधिकारियों को बहेराबांध स्थानांतरित किया गया। और कोयला लोडर मेन बेल्ट भी बहेराबांध भेजा गया। इसी दौरान 20 नवम्बर को खदान के भीतर सीओ-टू ठंडी और सीएच-फॉर जहरीले गैस का रिसाव हुआ। जिसपर काबू पाने मनेन्द्रगढ़ खदान से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया, टीम ने परीक्षण के बाद ऑक्सीजन के लिए रास्ता बनाकर जहरीली गैसे से राहत दी।
डूब गए थे करोड़ों की मशीनरी
पानी भराव के कारण बिजुरी भूमिगत खदान के भीतर लगभग 50 करोड़ की सम्पत्ति डूब गई थी। इसमें 2 करोड़ से अधिक की मशीनरी शामिल रही। इनमें 4 पम्प, 3 ट्रांसफार्मर, 4 मोटर एलएचवी, 3 यूडियन मशीन सहित अन्य सामग्रियां थी। वहीं अब रेस्क्यू टीम द्वारा खदान को सुरक्षित बताते हुए कोयला उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दी है। (हि.स.)
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