इंदौर न्यूज़ (Indore News)

81 करोड़ के सिक्स लेन, महूनाका चौराहा फ्लायओवर के लिए गंगवाल बस स्टैंड से कलेक्टर कार्यालय तक की रोड होगी 45 मीटर चौड़ी

वर्तमान में सडक़ की चौड़ाई मात्र ३० मीटर, जिसमें फ्लायओवर का निर्माण संभव नहीं, लिहाजा प्राधिकरण बोर्ड संकल्प के आधार पर संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश को भेजा प्रस्ताव

इंदौर। प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में चार प्रमुख चौराहों पर तो फ्लायओवरों (flyovers) का तो निर्माण किया ही जा रहा है, वहीं उसने कुल 11 फ्लायओवरों के निर्माण का निर्णय लेते हुए फिजिबिलिटी सर्वे भी करवाया है। इनमें एक फ्लायओवर (flyovers) सिक्स लेन का महूनाका चौराहा पर भी निर्मित किया जाना है। मगर समस्या यह है कि गंगवाल बस स्टैंड से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक की सडक़ 30 मीटर यानी 100 फीट चौड़ी ही है, जिस पर सिक्स लेन फ्लायओवर का निर्माण इसलिए संभव नहीं है क्योंकि दोनों तरफ स्लिप रोड भी बनाई जाना जरूरी है। नतीजतन अभी प्राधिकरण बोर्ड ने संकल्प पारित कर इस 30 मीटर सडक़ को 45 मीटर चौड़ी करने का निर्णय लिया और इसके लिए संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश को प्रस्ताव भिजवाया है, ताकि मास्टर प्लान में इस रोड की चौड़ाई को संशोधित किया जा सके। 2041 के मास्टर प्लान की कवायद चल रही है, उसमें इस मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई जा सकेगी।


प्राधिकरण ने इस सिक्स लेन फ्लायओवर के लिए जहां फिजिबिलिटी सर्वे करवाया, वहीं पिछली बोर्ड बैठक में 81.30 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति भी गैर योजना मद में लेने का निर्णय लिया। यह राशि सिक्स लेन फ्लायओवर पर खर्च की जाएगी। दरअसल प्राधिकरण ने 11 स्थानों पर फ्लायओवर निर्माण के लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाया, जिसमें महू नाका चौराहा भी शामिल है। इस फ्लायओवर निर्माण की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा भी भंवरकुआ के भूमिपूजन के दौरान की गई थी। मगर यहां पर तकनीकी दिक्कत यह आ रही है कि वर्तमान में उक्त रोड 30 मीटर ही चौड़ा है, जिसे अब 45 मीटर करना जरूरी है, तब ही सिक्स लेन के फ्लायओवर के साथ दोनों तरफ स्लिप रोड का निर्माण किया जा सकेगा। इस फ्लायओवर की लम्बाई 578 मीटर और वायाडक्ट की लम्बाई 320 मीटर तथा एप्रोच की लम्बाई 258 मीटर, कैरेज-वे की चौड़ाई 11 मीटर और दोनों ओर साढ़े सात-साढ़े सात मीटर की चौड़ाई की स्लिप रोड के साथ फुटपाथ का निर्माण भी किया जाएगा। प्राधिकरण के कंसल्टेंट ने प्रथम स्तरीय जो प्राकलन तैयार किया उसमें इस कार्य की लागत 81 करोड़ 30 लाख रुपए आंकी है, जिसके आधार पर प्राधिकरण ने इस ओवरब्रिज निर्माण के लिए बोर्ड से प्रशासकीय स्वीकृति भी ली है। दरअसल शासन के निर्देश हैं कि प्राधिकरण गैर योजना मद में अपनी आय से 10 प्रतिशत की सीमा तक ही खर्च कर सकता है। चालू वित्त वर्ष में मुख्य लेखा अधिकारी के मुताबिक उपलब्ध राशि में से 10.59 करोड़ गैर योजना मद में खर्च किए जा चुके हैं। अभी प्राधिकरण बोर्ड की 6 मार्च को जो बैठक बुलाई गई उसमें गंगवाल बस स्टैंड से कलेक्टर कार्यालय के मार्ग की चौड़ाई 45 मीटर रखने का निर्णय तो लिया ही गया, साथ ही प्रस्तावित मास्टर प्लान 2041 में इस रोड की चौड़ाई उतनी ही रखने और इसके लिए संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को प्रकरण भेजना तय किया। हालांकि अब लोकसभा चुनाव के बाद ही मास्टर प्लान के प्रारुप का प्रकाशन व अन्य कार्रवाई संभव होगी। क्योंकि अगले हफ्ते चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो जाएगी। हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि प्रशासकीय स्वीकृति इसीलिए ले ली गई है, ताकि टेंडर सहित अन्य प्रक्रिया पूरी की जा सके। वर्तमान में प्राधिकरण चार चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण कर रहा है, जो इस साल के अंत तक पूर्ण भी हो जाएंगे। इसमें खजराना, लवकुश, भंवरकुआ और फूटी कोठी चौराहा पर तेज गति से फ्लायओवर बन रहे हैं। ये सभी फ्लायओवर सिक्स लेन चौड़ाई के ही हैं, क्योंकि जिन सडक़ों पर इनका निर्माण हो रहा है वे भी 200 फीट तक चौड़ी है। खजराना फ्लायओवर पर प्राधिकरण 53 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर रहा है और इस फ्लायओवर की लम्बाई 550 मीटर है। इसी तरह भंवरकुआ चौराहा के निर्माणाधीन फ्लायओवर की लम्बाई 650 मीटर है, तो इस पर लागत 49 करोड़ रुपए की आ रही है। इसी तरह फूटी कोठी फ्लायओवर पर 49 और लवकुश चौराहा पर 55 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।

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