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चिदंबरम ने पूछा, जब 40 फीसदी शौचालय अस्तित्व में नहीं तो देश ओडीएफ घोषित कैसे?

नई दिल्ली । नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने बुधवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में देश के विभिन्न स्कूलों में शौचालयों के निर्माण को लेकर कमियों का खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 15 बड़े राज्यों में 75 फीसदी स्कूलों में बने शौचालय ऐसे हैं, जो सफाई के पैमाने पर फिट नहीं बैठते हैं। कैग की इस रिपोर्ट को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि जब 40 प्रतिशत शौचालय अस्तित्व में नहीं हैं या फिर उनका आंशिक निर्माण ही हुआ है तो फिर देश तो ओडीएस कैसे घोषित किया गया।

कैग की इस रिपोर्ट को लेकर सरकार को घेरते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा कि “कैग ने एक नमूना सर्वेक्षण में पाया कि स्कूलों में निर्मित 40 प्रतिशत शौचालय मौजूद नहीं हैं या वे क्रियाशील नहीं हैं। कुछ दिनों पहले प्रकाशित एक अन्य सर्वेक्षण में विभिन्न स्वच्छ भारत योजनाओं के तहत निर्मित ’शौचालयों’ के संबंध में भी यही निष्कर्ष सामने आया था कि 40 फीसदी शौचालय अक्रियाशील हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर 40 प्रतिशत शौचालय गैर-मौजूद या गैर-कार्यात्मक हैं, तो फिर भारत को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) कैसे घोषित किया जा सकता है?”

उल्लेखनीय है कि कैग की केंद्रीय लोक उपक्रमों ने स्कूलों में शौचालयों के निर्माण को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2326 शौचालय में से 1812 में पानी की व्यवस्था नहीं है, 1812 शौचालयों में से 715 की सफाई ही नहीं होती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों के 75 फीसदी शौचालयों में सफाई, साबुन, पानी की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि तीस फीसदी से अधिक शौचालयों का उपयोग इसलिए नहीं होता है क्योंकि पानी या सफाई की सुविधा नहीं है। ऐसे में वहां कोई प्रगति नहीं है। इनमें से कई शौचालय ऐसे स्कूलों में भी बने हैं, जहां लड़कियां भी पढ़ती है।

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