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पंजाब निकाय चुनाव में कांग्रेस ने सबको पछाडा, पंजे की पकड हुई मजबूत

चंडीगढ़। पंजाब में हुए स्थानीय निकाय चुनाव के परिणाम के दौरान सत्तारुढ कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत से विजयी हुई है। विपक्षी दल आम आदमी पार्टी तीसरे तो भाजपा से अलग होकर चुनाव लडा अकाली दल दूसरे स्थान पर रहा। अगले साल अपने बल पर विधानसभा चुनाव लडने का सपना देख रही भाजपा चौथे स्थान पर रही।

निकाय चुनाव को पंजाब में सत्ता का सेमीफाइनल कहा जा रहा है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है। कांग्रेस ने 1815 वार्डों (म्यूंसिपल कौंसिलों) में से 1199 और नगर निगमों की 350 सीटों में से 281 पर जीत हासिल की है जबकि अकाली दल को म्यूंसिपल कौंसिलों में 289 और नगर निगमों में 33, भाजपा को म्यूंसिपल कौंसिलों में 38 और नगर निगमों में 20 और आप को म्यूंसिपल कौंसिलों में 57 और नगर निगमों में 9 सीटें हासिल हुई। बाकी की सीटों पर ज़्यादातर आज़ाद उम्मीदवारों का कब्ज़ा रहा जबकि बहुजन समाज पार्टी ( के) और सी.पी.आई. को क्रमवार 13 और 12 वार्डों में जीत हासिल हुई। साल 2015 के बठिंडा, होशियारपुर, मोगा और पठानकोट जिलों में हुई नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस को मिलीं 11 सीटों के मुकाबले अब स्थिति बड़े स्तर पर कांग्रेस के पक्ष में है। इसका अंदाज़ा इसी से लगता है कि पार्टी ने अपनी कारगुज़ारी में सुधार करते हुए 149 सीटों पर जीत हासिल की है। इसी तरह वार्डों में साल 2015 की 356 सीटों के मुकाबले कांग्रेस ने अब 1480 सीटों पर जीत हासिल की है।


पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को प्रांतीय म्यूंसिपल चुनाव में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत को न सिफऱ् उनकी सरकार की विकासमुखी नीतियों का समर्थन बताया बल्कि विपक्ष शिरोमणि अकाली दल, आप और भाजपा की लोक विरोधी नीतियों के खि़लाफ़ जनादेश बताया। उन्होंने लोगों को इन नकारात्मक और बुरी ताकतों को पराजय देने के लिए धन्यवाद किया और बधाई दी जोकि पंजाब और इसके भविष्य को बर्बाद करन पर तुली हुई थीं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि काले खेती कानूनों को अमल में लाए जाने के बाद ये पहले बड़े चुनाव थे जिन्होंने लोगों में भाजपा के खि़लाफ़ पाए जा रहे रोष को उजागर किया है, जो पार्टी अपने पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और दिल्ली में आप की मिलीभगत के साथ किसान विरोधी बिल लागू करवाने की जि़म्मेदार है। उन्होंने आगे बताया कि इन पार्टियों ने पंजाब को तबाह करने के स्पष्ट मंसूबों के साथ किसानों के हकों को अपने पैरों के नीचे कुचला।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल और आप द्वारा बहाए गए मगरमच्छ के आंसू और ड्रामेबाज़ी को राज्य के लोगों ने अच्छी तरह समझते हुए राजनीति कर रही इन पार्टियों को करारा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि अब जब कांग्रेस के मुकाबले अकाली दल, आप और भाजपा कहीं आस-पास भी नज़र नहीं आईं और यहाँ तक कि कई वार्डों में आज़ाद उम्मीदवारों से भी पीछे रह गईं। (एजेंसी, हि.स.)

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