भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

चुनाव तक धार्मिक विवाद से दूर रहेगी कांग्रेस

  • छवि ऐसी गढ़ेंगे कि हिंदू-मुस्लिम अपना मानें

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में महज पांच महीने का समय बचा है। सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ हनुमान भक्त कमलनाथ की छवि को प्रोजेक्ट कर रही कांग्रेस हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है। वह न तो धार्मिक दिखना चाहती है और न ही उससे जुड़े किसी विवाद में फंसना चाहती है। इस वजह से पार्टी नेताओं और प्रवक्ताओं को सख्त हिदायत जारी की गई है कि कोई भी नेता सांप्रदायिक घटनाओं पर किसी भी तरह का बयान न दें। पार्टी के शीर्ष से जो निर्देश मिले हैं, उनमें कहा गया है कि धार्मिक मुद्दे पर न बोलें। बोलना पड़े तो संतुलित बात करें। किसी भी धर्म के लोगों को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि कांग्रेस उनके बारे में नहीं सोचती।
2018 में सत्ता में आने के बाद उसे गंवाने वाली कांग्रेस इस बार कोई गलती नहीं करना चाहती। वह धार्मिक आधार पर सीधे-सीधे भाजपा से नहीं भिडऩा चाहती। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा सांप्रदायिक आधार पर वोटरों को बांटने की कोशिश करेगी, जो कांग्रेस के हित में नहीं होगा। कांग्रेस का मानना है कि चुनाव के समय भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दों से भटकाकर वोटरों को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर ध्रुवीकरण की ओर ले जाती है। इसी वजह से कांग्रेस ने दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने और धर्मांतरण के मुद्दे पर छिड़े बवाल पर चुप्पी साधी है। हाल ही में हिज्ब उर तहरीर (एचयूटी) के गिरफ्तार संदिग्धों से लेकर लव जिहाद तक के मुद्दों पर कोई बयान नहीं दिया। इतना ही नहीं हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भी किसी बयान पर कोई आपत्ति नहीं जताई। उल्टा खुद कमलनाथ बागेश्वर धाम में माथा टेकने गए थे। कमलनाथ तो कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के दरबार में भी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हम नहीं चाहते कि पार्टी किसी तरह के धार्मिक विवाद का केंद्र बनें। दोनों प्रमुख धर्मों के लोगों को खुश रखने पर फोकस है। धार्मिक विवादों पर बयान देने से एक पक्ष नाराज हो सकता है। इस वजह से पार्टी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।


महाकाल से बजरंग बली तक
प्रदेश में कांग्रेस ने जो कैम्पेन शुरू किया है, वह कहीं न कहीं वोटरों की धार्मिक मांगों को भी पूरा करता है। दो वीडियो जारी हुए हैं। एक में हनुमान हैं तो दूसरे में महादेव। दोनों ही वीडियो में सीधे-सीधे भाजपा पर हमले बोले गए हैं। महाकाल मंदिर में 28 मई को सप्तऋषि की मूर्तियों के गिरने को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया और सरकार को भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर घेरा है। इसी तरह सॉफ्ट हिंदुत्व पर चलकर कांग्रेस कमलनाथ की हनुमान भक्त की छवि को भुनाया जा रहा है। सभी 230 विधानसभा सीटों पर पार्टी भगवत कथा का आयोजन कर रही है। इतना ही नहीं, हनुमान चालीसा का पाठ भी करवाया जाएगा। छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने 101 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की है। प्रियंका गांधी भी 12 जून को जबलपुर में मध्य प्रदेश के चुनाव अभियान का शंखनाद करेंगी तो मां नर्मदा की पूजा अवश्य करेंगी। यह एक बड़ा आश्वासन होगा कि कांग्रेस हिंदू विरोधी नहीं है।

भाजपा मुद्दों से भटकाने हिजाब, हिंदूत्व लाती है
कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि हम चुनाव जनहित के मुद्दों पर लड़ेंगे। भाजपा की सरकार ने विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया। महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अपराध हमारे मुख्य मुद्दे रहेंगे। भाजपा चुनाव के समय इन मुद्दों को भटकाने के लिए हिजाब, हिंदूत्व, मंदिर-मस्जिद, जिहाद, धर्मांतरण लेकर आएगी। पहले भी आई है और आगे भी कुछ न कुछ करेगी। हालांकि, इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति करती है। लव जिहाद और धर्मांतरण का मुद्दा संवेदनशील है। महिलाओं की प्रताडऩा उनके अधिकारों का हनन और अन्याय से जुड़ा है। कांग्रेस इन मुद्दो पर अपना पक्ष स्पष्ट क्यों नहीं रखती? कांग्रेस बताए कि लव जिहाद और धर्मांतरण पर उसका पक्ष क्या है? यह हिंदूत्व पर पाखंड रचते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साध जाते हैं।

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