सुयश एग्जिन – लाभम् ग्रुप के खिलाफ प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई… पूर्व मंत्री के समर्थक आए चपेट में
इंदौर। जिला प्रशासन ने अवैध खनन के एक और बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए पौने 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं इस मामले में सुयश एग्जिन और लाभम् प्रापर्टीज की भवन निर्माण अनुमति भी स्थगित करवा दी गई। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर विशाल शॉपिंग मॉल की बेसमेंट खुदाई की नपती करवाई और अपर कलेक्टर ने मुर्रम के अवैध उत्खनन में दोषी दो कम्पनियों को नोटिस भी जारी कर दिए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक इस तरह अवैध खन न के मामले में लगातार कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही रेत के अवैध परिवहन पर भी सख्ती रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक जिले में बनने वाले विशाल प्रोजेक्टों में पूर्व मंत्री से जुड़े समर्थक को ही बेसमेंट खुदाई से लेकर अन्य ठेके दिए जाते रहे हैं। इस संबंध में ठेकेदार आशीष पटवारी का भी नाम सामने आया, जिसके खिलाफ पिछले दिनों भी प्रशासन ने अवैध उत्खनन को लेकर कार्रवाई की थी। इसी कड़ी में कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर राऊ तहसील के हुकमाखेड़ी में मुर्रम के अवैध उत्खनन का मामला सामने आया, जिसमें दो कम्पनियों को नोटिस जारी करते हुए अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने 4 करोड़ 73 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना भी आरोपित कर दिया। इसके साथ ही अवैध खनीज उत्खनन के मामले में सुयश एग्जिन प्रा.लि. डेवलपर्स एवं लाभम प्रॉपर्टीज प्रा.लि. की भवन निर्माण अनुमति स्थगित रखने के संबंध में अपर कलेक्टर ने नगर निगम को पत्र भेज दिया, जिसमें निगमायुक्त से अनुरोध किया गया कि जब तक पौने 5 करोड़ रुपए की आरोपित की गई जुर्माना राशि डेवलपर-भू-स्वामी द्वारा जमा नहीं करवा दी जाती, तब तक इनकी भवन निर्माण अनुज्ञा स्थगित रखी जाए और इस संबंध में सिटी प्लानर को भी निर्देशित किया जाए। सुयश एग्जिन प्रा.लि. डेवलपर्स के डायरेक्टर अनिल पिता डुंगरमल पोद्दार तथा लाभम प्रापर्टीज प्रा.लि. के डायरेक्टर सत्यनारायण पिता मोहनलाल मंत्री के खिलाफ अवैध खनिज उत्खनन के मामले में ये प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
रेत के अवैध उत्खनन और ओवर लोडिंग पर भी सख्ती जारी
रेत के अवैध कारोबार पर भी जिला प्रशासन ने सख्ती शुरू करवाई है। रायल्टी चोरी और अवैध उत्खनन पर कलेक्टर ने 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। जिसमें 12 और 14 टायर वालो 47 ट्रालों को प्रतिबंधित किया गया है। वहीं डबल चौकी में एक नाका भी स्थापित किया जा रहा है, ताकि रेत परिवहन पर लगाम कसी जा सके। वहीं ट्राला मालिकों ने ज्यादा रेत भरने के लिए जो अतिरिक्त पतरे, लकड़ी की रीप लगवा रखी थी, उन्हें भी खनिज विभाग से हटवाया गया। प्रशासन का कहना है कि अब ऐसे वाहन मालिकों, ट्रांसपोर्टर आदि पर भी एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। पिछले दिनों रेत मंडी एसोसिएशन ने भी इस तरह की मांग कलेक्टर से की थी, जिसमें रेत मंडी दौरे के दौरान डबल चौकी पर नाका लगाए जाने का सुझाव भी सामने आया, जिसे कलेक्टर ने मंजूर भी कर लिया। प्रतिबंधात्मक आदेश से ओवरलोडिंग तो रूकेगी, वहीं सडक़ों को भी नुकसान नहीं होगा, क्योंकि अत्यधिक वजन वाले ट्राले सडक़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं और गंभीर दुर्घटना भी होती है। राशन, रेत के साथ अब प्रशासन ने अवैध खुदाई के मामले में सख्ती की है, जिसके चलते ठेकेदारों, डेवलपर्स में हडक़म्प भी मच गया है।