लगातार रिमझिम बारिश… फूलों की बहार में दो से तीन सप्ताह की देरी
इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। रिमझिम बारिश को तकरीबन 3 सप्ताह का समय होने को है, जिसके चलते फूलों की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सावन (Sawan) के महीने में गेंदा, गुलाब फूलों की पहली बहार शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार मंडी में फूलों की आवक कम हो रही है, जिसके चलते दाम में ढाई गुना से ज्यादा का उछाल चल रहा है।
प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी (Choithram Fruit and Vegetable Market) में सीजन के समय देश के प्रमुख शहरों से फूलों की आवक होती है। तकरीबन यहां 80 से 100 व्यापारी फूलों का कारोबार करते हैं और यहां से मालवा-निमाड़ (Malwa Nimad) के कई जिलों में फूलों को भेजा जाता है। इस बार बारिश में देरी और लगातार रिमझिम का दौर जारी रहने से गेंदा और गुलाब की फसल 2 से 3 सप्ताह की देरी से आना शुरू होगी। अगर मौसम साफ रहता है तो फूलों की पैदावार बंपर आएगी। सावन की शुरुआत में ही गेंदा और गुलाब की पहली बहार भी शुरू हो जाती है। इस बार मौसम फूलों के अनुकूल नहीं रहा। मंडी व्यापारी कुसुमाकर ने बताया कि सावन की शुरुआत में गेंदे का फूल 30 रु. प्रतिकिलो बिकता है। माल कम आने के कारण 70 से 80 रु. किलो अभी बिक रहा है। इसी प्रकार गुलाब भी 80 रु. प्रतिकिलो तक बिक रहा है। इंदौर मंडी में इस मौसम में औसत 20 हजार किलो गेंदे की आवक होती है, लेकिन अभी 6 हजार किलो ही आवक हो रही है। ऐसे ही गुलाब की 10 हजार किलो रोजाना आवक रहती है, लेकिन वर्तमान में 1500 से 2000 किलो के करीब आवक चल रही है। मौसम का मिजाज अगर ऐसा ही रहा तो फूलों की पैदावार प्रभावित रहेगी, वहीं 2 सप्ताह बाद भी फूलों की फसल बहार पर आएगी और पैदावार भी बंपर आने की उम्मीद है।
इंदौर के आसपास यहा होती है फूलों की खेती
महाराष्ट्र के नासिक, पुणे, दिल्ली और दक्षिण भारत के राज्यों से भी इंदौर में फूलों की आवक समय-समय पर होती है। अभी आफ सीजन चल रहा है। इंदौर के 40 किलोमीटर रेडियस में मेमदी, दतोदा, मिर्जापुर, रालामंडल, नैनोद, मगरखेड़ा, शकरखेड़ी, कनाडिय़ा, बेटमा, गवला आदि गांव और इन से जुड़े क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर फूलों की खेती की जाती है और मंडी में बड़ी मात्रा में किसान यहां से फूल बेचने के लिए आते हैं।
यह है फूलों के दाम
गेंदा 70 से 80 रु. किलो, गुलाब 60 से 80 रु. किलो, मोगरा 150 रु. किलो, रजनीगंधा 70 से 80 रु. किलो, अंग्रेजी फूलों में जरबरा, कारनिशन ,डच और अन्य सजावटी फूलों की मांग अभी बनी हुई है, जबकि आफ सीजन चल रहा है। इनके दाम 40 से 60 रुपए प्रतिकिलो चल रहे हैं। नवरंग का सीजन समाप्ति की ओर है, इसलिए यह मंडी में नहीं आ रहा है।
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