नई दिल्ली (New Delhi)। कोरोना (Corona) के लक्षण रहने के बावजूद लोग जांच नहीं करा रहे। लोकल सर्कल की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार 76 फीसदी लोग (76 percent people) लक्षण (having symptoms) रहने के बाद भी कोरोना की जांच नहीं (not corona tested) करा रहे हैं। देश में पिछले दिनों एक दिन में 3600 और 3,824 नए मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना के नए मामले पिछले 4 हफ्तों में लगभग 450% बढ़े हैं। दिल्ली और एनसीआर शहरों के कई जिलों में संक्रमण दर 10% से 25% तक है। यह स्थिति तब है जब अधिकांश लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे। अगर सभी लोग कोरोना की जांच कराएं तो मामले काफी ज्यादा हो सकते हैं।
कोरोना की भयावहता का अंदाजा लगाने के लिए लोकल सर्कल की ओर से राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया गया। देश के 303 जिलों में 11,000 से अधिक लोगों के बीच सर्वे किया गया। केवल 12% लोगों ने ही कहा कि लक्षण दिखने पर उन्होंने आरटी-पीसीआर जांच कराई थी, जबकि 12 फीसदी लोगों ने एंटीजन व आरटीपीसीआर दोनों टेस्ट कराए थे।
लोगों से पूछा गया सर्दी खांसी होने पर क्या किया?
सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि क्या उन्होंने या उनके परिवार के सदस्यों ने कोरोना लक्षण होने पर जांच कराया? पिछले एक महीने में जब आपको या आपके परिवार के करीबी सदस्यों को सर्दी, खांसी, बुखार, थकान, सांस की समस्या आदि जैसे कुछ लक्षण हुए हैं, तो आपने जांच कराया? 11449 लोगों ने इसका जवाब दिया। इसमें 76 फीसदी ने कहा कि उन्होंने कोरोना जांच नहीं कराई। यानी अधिकांश लोग कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं।
समय पर टेस्ट हो तो संक्रमण फैलने से रोक सकते हैं
लोगों की ओर से दी गई प्रतिक्रिया से पता चलता है कि अधिकांश लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। जबतक कोई व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से ग्रसित न हो वे कोरोना जांच को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कोरोना का संक्रमण दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर लोग समय पर जांच कराएं तो संक्रमण फैलने से भी रोका जा सकता है लेकिन लोग फिलहाल कोरोना जांच पर गंभीर नहीं हैं।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने क्या दिया जवाब
लक्षण के बावजूद कोरोना जांच नहीं कराई- 76%
आरटीपीसीआर टेस्ट कराया 12%
एंटीजन आरटीपीसीआर दोनों कराया 12%