इंदौर न्यूज़ (Indore News)

5 गुना से ज्यादा बढ़ गए गांवों में कोरोना मरीज

साढ़े 3 हजार से अधिक संदिग्ध मरीज सर्वे व जांच में मिले… मानपुर, सांवेर, हातोद से लेकर राऊ तक प्रभावित
इंदौर। शहर में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की दर में जहां कुछ कमी आ रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) में तेजी से बढ़ रही है। मानपुर (Manpur)  जैसे क्षेत्र में तो 550 प्रतिशत तक मरीज बढ़े। इसी तरह सांवेर भी सबसे अधिक चपेट में है, तो बेटमा, हातोद, महू, राऊ में भी बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। सर्वे और टेस्टिंग में ही साढ़े 3 हजार से अधिक संदिग्धों का इलाज शुरू करवाया। टेस्टिंग भी करवाई जा रही है और जो मरीज पॉजिटिव (Positive) मिल रहे हैं उन्हें अस्पतालों में भर्ती करवाने या कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में भिजवाया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में ही लगभग डेढ़ हजार पॉजिटिव मरीज इन ग्रामीण क्षेत्रों से ही मिले हैं, जिसके चलते हर पंचायत में आपदा प्रबंधन समिति बनाई गई और वहां के प्रमुखों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 7 हजार से अधिक लोगों के टेस्ट भी करवाए गए, जिनमें 1300 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। दवाइयों के वितरण के साथ ग्रामीणों को जागरूक करने का भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। खुद कलेक्टर प्रभारी मंत्री के साथ पिछले 10 दिनों से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।


शहर में तो कोरोना संक्रमण की दर जहां पहले 22-23 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, उसमें 6 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है और अब 14-15 प्रतिशत के आसपास मरीज मिल रहे हैं, लेकिन चिंता ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर है, जहां शहर की तुलना में स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं है। डिस्ट्रिक्ट कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग प्रभारी डॉ. अनिल डोंगरे (Dr. Anil Dongre) का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से तेजी से मरीज बढ़े हैं। खासकर कुछ क्षेत्रों में तो 550 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया है। 11 मार्च को मानपुर में मात्र 74 मरीज थे, तो अभी 9 मई को इनकी संख्या बढक़र 490 तक पहुंच गई। इसके बाद सांवेर क्षेत्र अधिक संक्रमित नजर आ रहा है, जहां 176 मरीज मार्च के पहले-दूसरे हफ्ते में थे, जो कि अब मई के दूसरे हफ्ते में बढक़र 830 से अधिक हो गए हैं। राऊ में पहले से भी मरीज थे। मार्च में जहां 881 मरीज थे, तो अब यह संख्या सवा 2 हजार से अधिक हो गई है। इसी तरह हातोद भी अधिक चपेट में आ रहा है। यहां भी मार्च के दूसरे हफ्ते तक लगभग 100 मरीज थे, जो अब 325 तक पहुंच गए हैं। बेटमा में भी 133 प्रतिशत तक बढ़ोतरी पिछले 20 से 25 दिनों के भीतर हुई है, जिसके चलते अब गांव-गांव में सर्वे-टेस्टिंग शुरू करवा दी है। इसके साथ ही उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई जा रही है और इनमें जो ज्यादा मरीज बीमार नजर आए उन्हें वहीं के अस्पताल या राधास्वामी कोविड केयर सेंटर (Radhaswamy Covid Care Center) में भर्ती कराया जा रहा है। शासन-प्रशासन का भी पूरा फोकस अब ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है, क्योंकि शहर में तो कोरोना संक्रमण की दर घटने के साथ यहां निजी क्षेत्र में अधिकांश मरीजों को इलाज मिल जाता है और 4-5 दिनों से बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन की चल रही मारामारी में भी कुछ कमी आई है। टेस्टिंग के साथ ही सर्दी, खांसी, बुखार के पीडि़तों की स्थानीय स्तर पर ही जांच करवाने का निर्णय लिया है और तुरंत ही आइसोलेट भी करवाया जा रहा है और सख्ती से जनता कफ्र्यू का पालन भी पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीण द्वारा किया जा रहा है। अधिकांश ग्रामीणों ने शहर से जुडऩे वाली सडक़ों को बेरिकेट्स लगाकर बंद भी कर दिया।

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