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भारत में 34 लाख लोगों की जान बचाने में सफल रही कोरोना वैक्‍सीन : रिपोर्ट

नई दिल्ली (New Delhi) । अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University of America) ने कहा कि भारत कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) के जरिये महामारी के दौरान 34 लाख लोगों की जान बचाने में सफल रहा है। साथ ही इससे 18.3 अरब डॉलर के बराबर का नुकसान होने से भी बचा लिया। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वर्किंग पेपर में इस बात का खुलासा किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Minister Dr. Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में इसे जारी किया।

इस पत्र में कोरोना (corona ) को लेकर भारत की रणनीति के तीन आधारशिलाओं नियंत्रण, राहत पैकेज और टीकाकरण की समीक्षा की गई है। ये तीन उपाय जीवन को बचाने व कोरोना के प्रसार को रोकने, आजीविका को बनाए रखने और वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर आर्थिक गतिविधि सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण थे। वर्किंग पेपर में कहा गया कि टीकाकरण अभियान की कम लागत भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा। इससे देश को 15.42 अरब डॉलर का लाभ हुआ।


रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि टीकाकरण के लाभ इसकी लागत से अधिक हैं और सुझाव दिया कि टीकाकरण को केवल एक स्वास्थ्य हस्तक्षेप के विपरीत एक व्यापक आर्थिक स्थिरीकरण संकेतक माना जाना चाहिए। टीकाकरण से कार्यशील आयुवर्ग में बचाए गए जीवनभर की कमाई 21.5 अरब डॉलर आंकी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीकों ने सिर्फ घातक वायरस से लड़ने में मदद की बल्कि टीकारकण से स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ भी कम हुआ।

80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया कि कोई भी भूखा न सोए। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया गया जिसके परिणामस्वरूप लगभग 26.24 अरब डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ा। इसके अतिरिक्त पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान के शुभारंभ ने प्रवासी श्रमिकों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करने में मदद की। योजना के माध्यम से 40 लाख लाभार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 4.81 अरब डॉलर का समग्र आर्थिक प्रभाव पड़ा। यह आजीविका के अवसर प्रदान करता है और नागरिकों के लिए एक आर्थिक बफर बनाता है।

सफलता का श्रेय नागरिकों को दिया
डॉ. मंडाविया ने इस सफलता का श्रेय नागरिकों को दिया जिन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग किया। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा समय से पहले लॉकडाउन के फैसले को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को कोविड से निपटने में आसानी हुई।

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