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‘भ्रष्टाचार अब अवसर या नौकरी का पासवर्ड नहीं, बल्कि जेल जाने का रास्ता’- उपराष्ट्रपति धनखड़

नागपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भ्रष्टाचारियों पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि सत्ता के गलियारों में भ्रष्ट तत्वों को पूरी तरह से बेअसर कर दिया गया है। भ्रष्टाचार अब अवसर, नौकरी या अनुबंध का पासवर्ड नहीं है, बल्कि जेल जाने का रास्ता है।

वैश्विक शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा भारत
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में भारतीय राजस्व सेवा के 76वें बैच के समापन समारोह में धनखड़ शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार अब प्रशासन को निर्देशित नहीं करता है। भारत अब सोया हुआ देश नहीं रहा, बल्कि वह तेजी से वैश्विक शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘जी-20 की अध्यक्षता के दौरान हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने। राष्ट्रों का ऐसा शक्तिशाली संयोजन। जीडीपी और जनसंख्या को देखें जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही थी। यह अब एक प्रमुख मंच पर है, जिसका श्रेय भारत और हमारे दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है।’

नकदी को संभालना समाज में एक समस्या रही
आईआरएस अधिकारियों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए धनखड़ ने कहा कि नकदी को संभालना समाज में एक समस्या रही है और प्रौद्योगिकी ने नकदी की झंझट से मुक्ति दिलाई है। इस तरह के कदमों से व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। भारत में आज भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाता है।


भ्रष्टाचार पर ज्यादा बात नहीं करूंगा
उन्होंने कहा, ‘मैं आज भ्रष्टाचार पर ज्यादा बात नहीं करूंगा, लेकिन एक बात सुनिश्चित है कि अब सत्ता के गलियारों में भ्रष्ट तत्वों से पूरी तरह बेअसर कर दिया गया है। भ्रष्टाचार अब अवसर, नौकरी या अनुबंध का पासवर्ड नहीं है। भ्रष्टाचार जेल का रास्ता दिखाता है। यह एक बड़ा बदलाव है और भ्रष्टाचार अब हमारे प्रशासन को निर्देशित नहीं करता है।’

धनखड़ ने कहा कि आजादी के बाद एक समय भारत दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक था। 1991 में भी भारत की अर्थव्यवस्था पेरिस और लंदन जैसे शहरों की तुलना में छोटी थी। यह भारत का आकार था, जिसे एक समय में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था से बहुत आगे है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अगले दो साल में भारत जापान और जर्मनी से आगे हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव हमारे देश के अनुकूल नीति निर्माण और लागू की गई दृष्टि तथा नौकरशाही के कारण हुआ है। धनखड़ ने कहा कि भारत 6.5 से 7 प्रतिशत की औसत जीडीपी वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

गुप्त लेनदेन और धन पर ध्यान देने की आवश्यकता
गुप्त लेनदेन और धन पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि कर प्रशासन को गति बनाए रखने, करदाताओं की नई जरूरतों और अपेक्षाओं को पूरा करने और कर धोखाधड़ी को दूर रखने की चुनौती दी जाती है।

धनखड़ ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत विश्लेषण जैसी नई प्रौद्योगिकी कर प्रशासन में सुधार कर रही है और कर चोरी रोकने में मदद कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सिस्टम में करदाता के विश्वास को बढ़ाता है, जो बदले में अधिक अनुपालन को प्रोत्साहित करता है।

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