देश मध्‍यप्रदेश

गणनाः गांधीसागर अभयारण्य में मिले 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी

भोपाल (Bhopal)। पश्चिमी मध्यप्रदेश (Western Madhya Pradesh) अंतर्गत मंदसौर जिले (Mandsaur district) के एक मात्र वन्यजीव अभयारण्य गाँधीसागर (Wildlife Sanctuary Gandhisagar) में गत एक मार्च को शुरू हुआ तीन दिवसीय पक्षी गणना का काम विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर रविवार को समापन संपन्न हुआ। इस तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण के दौरान हुई बूंदाबादी एवं बादलों के बीच भी प्रतिभागियों ने 200 से अधिक प्रजाति के पक्षियों को अपने कैमरों में कैद किया, जो उनके पक्षियों के प्रति प्रेम को दिखाता है।

इस सर्वेक्षण में कुल 09 राज्यों के 50 से अधिक पक्षी प्रेमी एवं अभयारण्य गाँधीसागर के 60 से अधिक स्टॉफ एवं सुरक्षा श्रमिकों ने 25 निर्धारित रूट पर सुबह एवं शाम को पक्षी सर्वेक्षण का कार्य किया। वन संरक्षक एवं वन मंडल अधिकारी भी सर्वेक्षण के दौरान उपस्थित थे।


तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण के दौरान वन संरक्षक उज्जैन एमआर बघेल तथा वन मंडल अधिकारी मंदसौर संजय रायखेरे ने भी पक्षी सर्वेक्षण कार्य में सम्मिलित होकर पक्षी प्रेमियों का हौंसला बढ़ाया। इस बार के पक्षी सर्वेक्षण की ये रही खास बातें गाँधीसागर में पक्षीयों की जैव विविधता पूरे भारत वर्ष से पक्षी प्रेमियों को यहाँ आकर्षित करती है। इस वर्ष भी कुल 09 राज्यों से 250 से अधिक पक्षी प्रेमियों के आवेदन में से 50 पक्षी प्रेमियों को सर्वेक्षण का मौका मिला। चार राज्यों के 10 से अधिक महिला प्रतिभागी भी इसमें शामिल रहीं।

गांधीसागर में ह्यूमस लार्क प्रजाति का पक्षी पहली बार रिकॉर्ड हुआ। सर्वेक्षण के दौरान पहली बार एशियाई राज गिद्ध तथा ब्राउन फिश आउल के नेस्टिंग(घोंसले) देखे गए जो यह दर्शाते हैं कि यहाँ का क्षेत्र प्रजनन के लिए भी उपयुक्त है। इस बार के सर्वेक्षण में पूर्व के वर्षों की तुलना में इस वर्ष रही छोटी शीत ऋतु एवं सर्वेक्षण के दौरान हुई बारिश से प्रवासी पक्षियों एवं स्थानिय पक्षियों की कुछ प्रजातियां नहीं देखी जा सकी तथा बेमौसम होने वाली बारिश का प्रभाव भी इनकी संख्या पर पड़ा।

पक्षियों की जैव विविधता स्वच्छ पारिस्थितकीय तंत्र का सूचक

वन संरक्षक एमआर बघेल ने बताया कि वैसे तो हर एक जीव प्रकृति का अभिन्न अंग है किंतु किसी क्षेत्र में पक्षियों की जैव विविधता वहाँ के स्वच्छ पारिस्थितकीय तंत्र का सूचक है तथा गाँधीसागर में 200 से अधिक प्रजाति के पक्षियों की जैव विविधता यह दर्शाती है कि गाँधीसागर अभयारण्य के खुले घांस के मैदान तथा गाँधीसागर जलाशय अन्य जीवों के लिए भी अच्छे आवास स्थल हो सकते हैं। इस प्रकार के सर्वेक्षण कार्य सामान्य लोगों को वन एवं वन्यजीवों के साथ जोड़ते हुए इनके संरक्षण के प्रति जागरूक करने का कार्य करते हैं।

Share:

Next Post

Accident: कार एक्सिडेंट में बाल-बाल बचे बंगाल बीजेपी चीफ, 3 सवारियां चोटिल, बोले- कोई साजिश तो नहीं

Mon Mar 4 , 2024
नई दिल्‍ली (New Dehli)। पश्चिम बंगाल बीजेपी के चीफ (Chief of West Bengal BJP)सुकांत मजूमदार की कार का रविवार को एक्सिडेंट (accident)हो गया. सड़क हादसे (road accidents)के दौरान वह तो बाल-बाल बच (narrow escape)गए मगर उनकी गाड़ी में सवार 3 लोग चोटिल हो गए दुर्घटना के बाद सुकांत मजूमदार ने यह पता लगाने के लिए […]