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विधायकों की अयोग्यता मामले में अदालत ने स्पीकर से मांगा जवाब, CM शिंदे गुट की तरफ से दायर याचिका

मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के दो-फाड़ होने के बाद राजनीतिक पार्टी- शिवसेना पर दावा कर रहे हैं। चुनाव आयोग के साथ-साथ हाईकोर्ट ने भी माना है कि शिंदे का गुट ही असली शिवसेना है। ताजा घटनाक्रम में शिंदे गुट बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा है। अदालत ने इस याचिका पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से जवाब मांगा है। शिंदे गुट ने स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के 14 विधायकों को अयोग्य नहीं माना है।

बॉम्बे हाईकोर्ट में शिंदे गुट की शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने याचिका दायर की है। इस पर न्यायमूर्ति गिरिश कुलकर्णी और जस्टिश फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। इस मामले की सुनवाई आठ फरवरी को होगी।

गौरतलब है कि विगत 10 जनवरी को अयोग्यता मामले में विधासभा स्पीकर नार्वेकर ने अपना फैसला सुनाया था। इसके मुताबिक शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है। पूर्व CM उद्धव ठाकरे को समर्थन देने वाले 14 विधायकों को अयोग्य नहीं मानने पर असंतुष्ट खेमा अदालत की शरण में गया है। शिंदे गुट ने अदालत से कहा, वे 10 जनवरी को जारी स्पीकर के फैसले की ‘वैधता और औचित्य’ को चुनौती देते हैं।


बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष भरत गोगावले ने कहा, विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले उन्होंने 3 जुलाई, 2022 को शिवसेना विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। उन्होंने कहा, 4 जुलाई को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में वोट करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने विधायकों की अयोग्यता के पक्ष में दलीलें दीं और कहा, 14 विधायकों ने उद्धव ठाकरे का समर्थन किया। ये व्हिप के उल्लंघन के साथ-साथ ‘शिवसेना राजनीतिक दल’ की सदस्यता छोड़ना भी है।

गोगावले के मुताबिक स्पीकर नार्वेकर इस बात पर विचार करने में विफल रहे कि सदस्यता छोड़ने के अलावा, ठाकरे समूह के 14 विधायकों ने सत्तारूढ़ सरकार को अस्थिर करने का भी प्रयास किया। गोगावले का आरोप है कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर इन विधायकों ने महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार (शिंदे गुट) के खिलाफ मतदान किया। पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोपी इन विधायकों को अयोग्य करार दिया जाना चाहिए।

बता दें कि गोगावले ने 12 जनवरी को उच्च न्यायालय का रूख किया, जबकि उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार (15 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ठाकरे गुट ने जून 2022 में पार्टी में विभाजन के बाद सीएम शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को ‘वास्तविक राजनीतिक दल’ घोषित करने के स्पीकर के आदेश को चुनौती दी है। बता दें कि स्पीकर ने शिंदे समेत सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार कर दिया था। स्पीकर नार्वेकर ने ठाकरे खेमे के विधायकों की सदस्यता भी बरकरार रखी है।

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