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COVID : कोरोना संक्रमण से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें दिल को कैसे पहुंचाता है नुकसान

नई दिल्‍ली। कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा हार्ट अटैक(Heart Attach) के केस भी बढ़े. कोरोना(Covid) ठीक होने के बाद भी पेशेंट्स हार्ट की बीमारी होने के हाई रिस्क पर रहते हैं. आखिर कैसे ये वायरस हमारे दिल को नुकसान पहुंचाता है और कैसे अपने हार्ट(Hearth Attack) को इस वायरस के चपेट में आने से रोका जा सकता है ये जानने के लिये जरूर पढ़ें ये रिपोर्ट.

कैसे नुकसान पहुंचता है दिल को
कोविड वायरस स्पाइक प्रोटीन के जरिये हेल्दी सेल्स में पहुंचता है और फिर वहां तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हुए enzyme 2 (ACE2) बढ़ा देता है. इस वारयस के बढ़ने पर सबसे पहले इंफेक्टेड पर्सन का इम्यून सिस्टम (immune system) इससे फाइट करता है और साथ ही हार्ट की अपना भी इम्यून मैकेनिज्म होता है. लेकिन रिसर्च में ये सामने आया है कि कोविड वायरस से लड़ने के लिये हमारा इम्यून जिस तरह से काम करता है या इंफ्लेमेशन ज्यादा है तो वो भी हार्ट को डैमेज कर सकता है.



कोविड के दौरान दिल को दो तरह से खतरा है, पहला तो वायरस से इंफ्लेमेशन(inflammation) पैदा होता है उससे हार्ट की सेल्स को सीधे नुकसान पहुंचता है. दूसरा कोविड वायरस के इंफेक्शन के दौरान स्पाइक प्रोटीन ब्लड में ब्रेक डाउन होता है और ये हार्ट में पहुंचकर डैमेज (damage) पैदा कर सकता है.

रिचर्स में कोविड के दौरान हुई मरने वाले लोगों के हार्ट और हेल्दी हार्ट (healthy heart) को एग्जामिन किया तो उसमें ये पाया कि कोविड पेशेंट के हार्ट में स्पाइक प्रोटीन और TLR4 पाये गये जबकि नॉर्मल हार्ट में ये नहीं थे. इसका मतलब ये हुआ कि अगर किसी को कोविड इंफेक्शन (covid infection) हुआ है तो वो TLR4 को एक्टीवेट कर सकता है और ये हार्ट को सीधे नुकसान पहुंचाने की बजाय इंफ्लेमेशन पैदा करता है जो दिल के लिये नुकसानदायक है.

रिसर्च में ये भी पाया गया कि कोविड के दौरान सबसे एडमिट होने वाले 62% पेशेंट को हार्ट संबंधी बीमारियां हुई. यहां तक कि जो पेशेंट एडमिट नहीं हुए वो भी हार्ट प्रोब्लम होने की हाई रिस्क पर थे. कोविड के बाद हार्ट पेशेंट्स के केस बहुत बढ़े और उनके अंदर क्लॉटिंग, फास्ट हार्ट बीट और स्लो हार्ट बीट की बीमारी बढ़ी.

कैसे बचें हार्ट अटैक से
कोविड से हार्ट को कोई नुकसान ना पहुंचे इसके लिये बेस्ट प्रिवेंशन है वैक्सीन ताकि आप कोविड से सुरक्षित रहें और कोविड के खतरे से बचे रहें. डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि कोविड होने पर जिन लोगों को सही तरीके से ब्लड थिनर या anticoagulants दवायें जिसको दी गयी उनसे भी हार्ट अटैक का खतरा कम हुआ क्योंकि उससे ब्लड में क्लॉटिंग की समस्या कम हुई. कोविड से हार्ट को कोई नुकसान हुआ है या नहीं इसके लिये इसका टेस्ट जरूर करायें कि इंफ्लेमेशन से हार्ट मसल्स डैमेज तो नहीं हुई. दूसरा इस बात का टेस्ट करायें कि कोविड से आर्ट्रीज में क्लॉट तो नहीं बना.

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