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Covid: JN.1 को अलग करने की प्रक्रिया शुरू, टीके का असर का पता लगाएंगे NIV के वैज्ञानिक

नई दिल्ली (New Delhi)। पुणे (Pune) स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) (National Institute of Virology (NIV)) के वैज्ञानिकों ने कोरोना (Corona) के उप स्वरूप जेएन.1 (Sub variant JN.1) को आइसोलेट (isolate) यानी पृथक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें कामयाबी मिलने के बाद इस पर मौजूदा टीकों के असर का पता लगाया जाएगा।


एनआईवी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक, वायरस को पृथक करने के लिए हेवी वायरल लोड की आवश्यकता होती है। साल 2020 में जब पहली बार कोरोना को पृथक किया जा रहा था उस दौरान नमूने में हेवी वायरल लोड न होने की वजह दो बार असफलता मिली थी। इस बार केरल के अस्पतालों में गंभीर रूप से भर्ती मरीजों को चुना गया और उनके नमूने मंगाकर स्वरूप को अलग करने का काम शुरू किया गया है।

एनआईवी के अनुसार, जेएन.1 उप स्वरूप को लेकर विश्व में काफी कम साक्ष्य मौजूद हैं। अभी तक जीनोम सीक्वेंसिंग और उससे प्राप्त आनुवंशिक चार्ट के अलावा और कुछ हमारे पास नहीं है। आइसोलेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमारे पास जीवित वायरस होगा, जिसका इस्तेमाल अध्ययनों में कर सकेंगे।

फिलहाल चौथी खुराक की जरूरत नहीं
इस बीच कोविड-19 टीकाकरण की राष्ट्रीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि अभी चौथी खुराक लेने की कोई जरूरत नहीं है। फिलहाल जिन लोगों की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है या फिर जिन्हें पहले से सह बीमारियां हैं, साथ ही साथ इन्होंने तीसरी खुराक अब तक नहीं ली है। ऐसे लोगों को टीका की तीसरी खुराक लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।

चूहों को पहले देंगे टीका, फिर वायरस
जेएन.1 उप स्वरूप को आइसोलेट करने के बाद वैज्ञानिकों ने सीरियाई चूहों पर अध्ययन करने का फैसला लिया है, जिसके अनुसार पहले चूहों को भारत के राष्ट्रीय कोरोना रोधी टीकाकरण में शामिल टीकों की खुराक दी जाएगी। इसमें कोवाक्सिन और कोविशील्ड भी शामिल है। इसके कुछ समय बाद एंटीबॉडी विकसित होने पर उन्हें जेएन.1 उप स्वरूप की डोज देंगे, ताकि यह पता चल सके कि टीकाकरण कराने वालों में यह किस तरह काम कर रहा है? नया टीका या अन्य टीके की खुराक लेनी है या नहीं इस अध्ययन से पता लगाएंगे।

भारत के लिए चिंता
एनआईवी के वैज्ञानिकों का कहना है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में अभी स्थिति काफी बेहतर है, लेकिन अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं वह बताते हैं कि भारत में 6.98 फीसदी सैंपल जेएन.1 से जुड़े हैं, जो कनाडा (6.8%), यूके (5.6%) और स्वीडन (5.0%) से अधिक है। पर, फ्रांस (20.1%), अमेरिका (14.2%) और सिंगापुर (12.4%) से स्थिति बेहतर है।

एक दिन में 656 लोग संक्रमित
देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 656 केस मिले हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 3, 742 हो गई है। वहीं, संक्रमण से केरल में एक और मरीज की मौत हो गई है।

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