भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

शिकारियों पर शिकंजा कसेगा क्राइम ब्रांच, हो रहा डेटा तैयार

  • वनकर्मियों की हत्या के प्रयास के फरार आरोपियों की तलाश में आधा दर्जन टीमें जुटी

भोपाल। शौक पूरा करने की चाह में बेजुबान वन्य प्राणियों को मौत के घाट उतारने वाले नवाबजादों का राजधानी की क्राइम ब्रांच डाटा तैयार कर रही है। इस डाटा में मुखबिरों द्वारा बताए शिकारियों के नाम तथा पूर्व में शिकार के केस में जेल जा चुके लोगों के नाम शामिल हैं। सूत्रों का दावा है कि इन शिकारियों पर गुप-चुप तरीके से क्राइम ब्रांच की टीम नजरें रखने का काम कर रही है। वहीं पिछले दिनों सूखीसेवनिया इलाके में वनकर्मियों पर कार चढ़ाकर उनकी हत्या की कोशिश करने वाले फरार आरोपियों की तलाश में क्राइम ब्रांच की आधा दर्जन टीमें जुटी हैं। जानकारी के अनुसार बीती चार फरवरी को नारियलखेड़ा निवासी उमर खान तथा शाहजहांनाबाद निवासी फराज़ सूखीसेवनिया इलाके में स्थित जंगल से शिकार कर लौट रहे थे। तभी मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने शिकारियों की घेराबंदी की। भागने के प्रयास में शिकारियों ने वन अमले को कुचलने की कोशिश की। जिससे वनकर्मी घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि फरार आरोपियों की फिलहाल गिर तारी नहीं हो सकी है। प्रदेश में वनकर्मियों के साथ हो रही लगातार घटनाओं के बाद मु य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन माफिया तथा शिकारियों के साथ स ती से पेश आने के आदेश शासन प्रशासन के अधिकारियों को दिए थे। जिसके बाद हरकत में आई भोपाल पुलिस ने शिकारियों को सबग सिखाने का मन बना लिया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि शहर के जहांगीराबाद,बुधवारा और कोहेफिजा में सर्वाधिक शिकारियों के रहने की सूचना पुलिस को मिल रही है। क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर अब तक करीब आधा सैकड़ा से अधिक शिकारियों की सूची तैयार कर ली है। जिसमें प्रमुख रूप से हनुमानगंज थाना इलाका स्थित छोला रोड पर रहने वाले ढाबा संचालक का नाम शामिल है। पुलिस को सूचना मिली है कि ढाबा संचालक शिकार को बकायदा आर्डर पर अपने ढाबे से बेचने का काम करता है।

अवैध हथियारों का कारोबार कर रहे शिकारी
क्राइम ब्रांच सूत्रों का दावा है कि शिकारियों के बीच एक गिरोह ऐसा भी है आर्डर पर अवैध रायफल तथा कारतूस बेचने का काम करता है। उक्त गिरोह के सदस्यों की भी क्राइम ब्रांच गुप्त निगरानी कर रही है। इस गिरोह के अधिकतर सदस्य बुधवारा तथा कोहेफिजा क्षेत्र में रहते हैं। विगत वर्ष इसी गिरोह से ताल्लुक रखने वाले हथियार तस्करों के एक गिरोह को एसटीएफ ने दबोचा था।

शिकारी और फॉरेस्ट अधिकारी की नजदीकियों की चर्चा जोरों पर
वहीं भोपाल वनमंडल में इन दिनों भोपाल में सक्रिय अधिकतर शिकारियों और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के एक डिप्टी रेंजर स्तर के अधिकारी की नजदीकियों की चर्चा जोरों पर है। उमर और फराज़ नाम का शिकारी उक्त अधिकारी का खास बताया जाता है। उमर दो साल पहले राहतगढ़ में नील गाय के शिकार के मामले में फरार हुआ था। इस मामले में भी उसकी गिर तारी नहीं हो सकी थी। उक्त डिप्टी रेंजर की बदौलत उमर की गिर तारी टालती रहने की चर्चा ाी गर्म है। यह डिप्टी रेंजर अन्य शिकारियों के भी लगातार संपर्क में है। पिछले दिनों दोनों के बीच मनमुटाव के बाद दोबारा उमर पर शिकंजा कसा गया है। वहीं फॉरेस्ट की शिकारियों के प्रति कछुआ चाल को देखते हुए ही शहर पुलिस ने शिकारियों को स्वयं सबग सिखाने का मन बनाया है।

इनका कहना है
सूचनाओं के आधार पर शिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। शिकारियों की सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे। कुछ संदिग्ध शिकारियों के नाम अब तक क्राइम ब्रांच के पास आ चुके हैं। राजधानी में शिकारियों पर नकेल कसने क्राइम ब्रांच शिकारियों का एक डाटा तैयार करने जा रही है। हत्या के प्रयास के मामले में फरार शिकारियों की तलाश में आधा दर्जन टीमें जुटी हैं। उनके संभावित ठिकानों पर भी दबिश दी जा रही है।
गोपाल धाकड़, एएसपी क्राइम ब्रांच भोपाल

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