भोपाल । मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (Madhya Pradesh Transport Department) के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) को करीब 45 दिन बाद अब जेल भेजा जाएगा. सौरभ शर्मा समेत उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को कोर्ट ने 17 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया है. लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने सौरभ और अन्य को लेकर कोर्ट से रिमांड नहीं मांगी. वहीं, ED ने कोर्ट में न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान ही पूछताछ को लेकर आवेदन लगाया है, जिस पर कोर्ट सुनवाई करेगा.
सौरभ और चेतन को लोकायुक्त पुलिस ने 28 जनवरी को कोर्ट में पेश कर छह दिन की रिमांड पर लिया था, जबकि शरद को 29 जनवरी को पांच दिन की रिमांड दी गई थी, यह रिमांड मंगलवार को खत्म हो गई.
तीनों को ही लोकायुक्त पुलिस ने करीब 12 बजे कोर्ट में पेश किया. करीब एक घंटे चली सुनवाई के बाद जज आरपी मिश्रा ने तीनों आरोपियों को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कोर्ट रूम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) के अधिकारी भी मौजूद थे.
ईडी की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. इसमें जरूरत पड़ने पर तीनों आरोपियों से समय-समय पर जेल में पूछताछ की अनुमति मांगी गई है. कोर्ट ने फिलहाल इस अर्जी को सुनवाई के लिए रखा है. कोर्ट तय करेगा कि ईडी सौरभ और उसके साथियों से न्यायिक हिरासत में आगे पूछताछ कर सकती है या नहीं?
हालांकि, भीड़ और सुरक्षा की लिहाज़ से मंगलवार सुबह ही सौरभ, चेतन और शरद का मेडिकल हमीदिया अस्पताल में सुरक्षा के बीच करवाया गया, जिसके बाद तीनों को ही कोर्ट के पीछे वाले गेट से जज के कमरे तक लेकर लोकायुक्त पुलिस पहुंची. एक घंटे के बाद ही सौरभ और अन्य दोनों को लेकर पीछे के गेट से ही रवाना हो गई.
सौरभ शर्मा के कई करीबियों के घर पर भी ED ने पिछले दिनों सर्चिंग कि थी. 17 जनवरी को भी भोपाल में इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल समेत 4 ठिकाने, जबकि ग्वालियर में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत 4 जगहों पर छापे मारे गए थे. ईडी की सर्चिंग में 42 लाख रुपए और 9.9 किलो चांदी, 12 लाख नकद तो 30 बैंक खातों में 30 लाख रुपए थे मिले.
पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप है. 19 दिसंबर को लोकायुक्त और आयकर विभाग के छापों में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 235 किलो चांदी सहित कुल 8 करोड़ की नकदी और आभूषण मिले थे. वहीं, 19 दिसंबर की देर रात मेंडोरी के जंगल से एक कार से 52 किलो सोना मिला, 11 करोड़ रुपए कैश भी बरामद हुआ था. कार एक मकान के बाहर लावारिस हालत में मिली थी. सोने की कीमत करीब 40 करोड़ 47 लाख रुपए आंकी गई थी. कार का मालिक चेतन सिंह गौर सौरभ का करीबी है.
सौरभ शर्मा के मामले में फ़िलहाल तीन जांच एजेंसी मुख्य रूप से जांच कर रही हैं. सबसे पहले लोकायुक्त पुलिस सौरभ शर्मा की आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच कर रही है कि आखिर सौरभ ने सात साल कि नौकरी में करोड़ों का साम्राज्य कैसे खड़ा किया और नौकरी छोड़ने के बाद भी उसकी कमाई के क्या लिंक रहे?
पिछले कई दिनों से पूछताछ में लोकायुक्त पुलिस सौरभ के अन्य सहयोगियों और प्रॉपर्टी और अन्य जानकारी खंगालने में जुटी हुई थी. इससे पहले सोमवार को पुलिस रिमांड के 5वें दिन सौरभ से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई. इस दौरान इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर के साथ एक सीनियर अधिकारी ने भी सौरभ से बात की. सौरभ शर्मा से उसके पास से बरामद रुपए और प्रॉपर्टी के बारे में सवाल किए गए. पूछताछ के दौरान सौरभ बार बार अपनी कमाई का जरिया रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ा बता रहा है. सौरभ के दिए गए बयानों के आधार पर भी जांच की जाएगी.
ED ने भी केस दर्ज किया और मामले की जांच में जुटी हुई है. लगातार ED सौरभ के करीबियों के घर से लेकर दफ्तरों तक में सर्चिंग कर रही है. ED सौरभ की कमाई से जुड़ी जांच कर रही है कि अपराध से कमाए गए पैसे का ट्रेल क्या है? कौन-कौन लोग उसमें शामिल हैं? बेनामी संपत्ति के मालिक और कनेक्शन क्या है? फ़िलहाल ED सौरभ से भी जल्द पूछताछ कर सकती है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी कार में सोना और पैसा मिलने के बाद से ही एक्टिव है. इनकम टैक्स विभाग जांच कर रहा है कि 54 किलो सोने का भुगतान कैसे हुआ? कार से मिला सोना किसका है? कहां से खरीदा गया? पेमेंट किसको की गई? कार से मिले करोड़ों के कैश का ट्रांसक्शन कहां और कब हुआ? इतना कैश कहां लेकर जाया जा रहा था?
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