- भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा 5 सभाएं और करेंगे
भोपाल। प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी में बड़े-बड़े धरना प्रदर्शन और आंदोलनों का दौर शुरू हो गया है। भीम आर्मी के बैनर तले रविवार को भेल दशहरा मैदान पर आयोजित सभा में दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग लाखों की भीड़ उमड़ी। साथ ही सभी वर्गों के नेता एक मंच पर आए। प्रदर्शन में जातिगत जनगणना कराने, प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने, आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने जैसी प्रमुख मांगों को उठाया गया। प्रदर्शन में ओबीसी को 52 फीसदी आरक्षण देने की मांग रखी गई है।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी। यह यात्रा का पहला चरण है। हर यात्रा के बाद दोगुने सैलाब के साथ आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी में रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की, पिछली घोषणा की थी उज्जैन में 50 लाख रुपए की, क्यों नहीं दिए अब तक इन घोषणाओं से पेट नहीं भरेगा, हम इनसे थक चुके हैं। हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। आगे का कदम सत्ता के लिए होगा। संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा। चंद्रशेखर ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक महीने में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दोबारा इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इतना बड़ा प्रदर्शन होगा कि हो सकता है- रैली के बाद मंच पर बैठे नेताओं को भाजपा जॉइन करवा लें। पहली बार प्रदेश में हम आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे।
ओबीसी आरक्षण ने फिर पकड़ा जोर
चंद्रशेखर ने कहा, 52 फीसदी पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण क्यों। पूरा 52 फीसदी मिलना चाहिए। 2 अप्रैल 2018 के जो मुकदमे शेड्यूल ट्राइब पर हुए हैं, उसे वापस लें। स्कूल अथिति शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाना चाहिए। कोरोनाकाल में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए। निजीकरण के नाम पर सरकारी संस्थाओं को बेचने का काम बंद होना चाहिए। निजीकरण के सहारे आरक्षण को खत्म करने का खेल खत्म हो जाना चाहिए। पुलिस डिपार्टमेंट में वीकली ऑफ लागू किया जाए। पुरानी पेंशन लागू की जाए। किसी सफाई कर्मचारी की सीवर में जान जाती है, तो उसके परिवार को 1 करोड़ की राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
5 लाख लोगों की भीड़ जुटने का दावा
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार आस्तेय ने प्रदर्शन में 5 लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया है। चंद्रशेखर के अलावा ओबीसी नेता प्रीतम लोधी, व्यापम कांड के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय, सुनील आस्तेय, सुनील बैरसिया सहित प्रदेश भर के भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता और एससी-एसटी के लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर रात से ही कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया था। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में लोग पहुंचे हैं। मैदान के सामने की सड़क पर भी भारी भीड़ जमा है। करियर कॉलेज से स्मार्ट सिटी ऑफिस तक रोड ब्लॉक रहा।
प्रदर्शन के प्रमुख मुद्दे
- देश में जातिगत जनगणना कराई जाए।
- प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने के लिए।
- संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटाने के षड्यंत्र के खिलाफ।
- कमजोर वर्ग के लोगों पर प्रशासन के द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ।
- आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए।
- केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक बराबरी का कानून लागू करवाने के लिए।
- एसटी-एसटी एक्ट के तहत मृतक के परिवार को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाकर 30 लाख रुपए करवाने के लिए।
- मनरेगा की दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम 700 रुपए करवाने के लिए।
- शिक्षा का राष्ट्रीयकरण कर सर्वनाश रोका जाए।
- मध्यप्रदेश सरकार के शासकीय महाविद्यालयों में चुनाव प्रक्रिया बहाल कराने के लिए।
- निजीकरण के नाम पर सरकारी प्रतिष्ठानों को बेचने के खिलाफ।
- निजीकरण के सहारे आरक्षण समाप्त करने के षड्यंत्र के खिलाफ।
- ओबीसी की जातिगत जनगणना, 27त्न आरक्षण लागू कराने के लिए।
- एससी-एसटी, ओबीसी, मुस्लिम अल्पसंख्यक, बहन, बेटियों और बच्चों पर हो रहे अन्याय अत्याचार के खिलाफ।
- बेकसूर लोगों के घरों पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने के खिलाफ।
- गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों का जीएसटी से मुक्त कराने के लिए।