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दिल्ली सतर्कता विभाग का बड़ा एक्शन, CM अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव के बंगले का अवंटन किया रद्द

नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central government) के दिल्ली सेवा बिल (Delhi Service Bill) लाने के बाद राजधानी एक्शन की शुरुआत हो गई है. दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने (Vigilance Department) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के निजी सचिव बिभव कुमार के बंगले का अवंटन (Bibhav Kumar Bungalow Allotment) रद्द कर दिया है.

सतर्कता विभाग के मुताबिक सीएम के निजी सचिव को टाइप-6 बंगले का आवंटन नियमों को ताक पर रख कर किया गया था.सतर्कता विभाग ने इस सिलसिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर बंगला आवंटन रद्द करने को कह दिया है. दरअसल, बिभव कुमार को टाइप-4 की जगह सिविल लाइन के शामनाथ मार्ग पर टाइप-6 बंगला आवंटित कर दिया गया था, जो कि उनके हैसियत से ज्यादा का बंगला है.

दिल्ली सतर्कता विभाग के सहायक निदेशक ने पत्र लिखकर लोक निर्माण विभाग से पूछा है कि जल बोर्ड के इस आवास को बिभव कुमार को किस हैसियत से आवंटित कर दिया गया, जबकि, वह दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े हुए भी नहीं है. सतर्कता विभाग के पत्र की मानें तो बिभव कुमार इस बंगले में कई सालों से रह रहे हैं. यह बंगला दिल्ली सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी को भी अलॉट नहीं किया जाता है.

ऐसे में अरविंद केजरीवाल के खास सहयोगी को बंगला कैसे आवंटित कर दिया गया? सतर्कता निदेशालय ने पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि कि बिभव कुमार को बंगले का आवंटन में अनदेखी हुई है. नियमानुसार उनको टाइप-6 का बंगला नहीं मिलना चाहिए था. उन्हें इसके बदले कोई टाइप-4 फ्लैट आवंटित करने को कहा है.


केजरीवाल के निजी सचिव पर कार्रवाई
बिभव कुमार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खास सहयोगियों में से एक हैं. बिभव कुमार का विवादों से भी नाता रहा है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की शिकायत पर साल 2017 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने टैंकर घोटाले में बिभव कुमार से घंटों पूछताछ की थी. इसी साल फरवरी महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी शराब घोटाले में बिभव कुमार से पूछताछ की थी. साल 2017 में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एसीबी को शिकायत दी थी, जिसमें दिल्ली में 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाला का जिक्र किया था. इसी शिकायत को लेकर बिभव कुमार से पूछताछ हुई थी.

कपिल मिश्रा ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने टैंकर घोटाले की जांच पर असर डाला. यह घोटाला शीला दीक्षित के बतौर मुख्यमंत्री कार्यकाल के दिनों का है. साल 2017 में दिल्ली सरकार से हटाए गए मंत्री कपिल मिश्रा ने दावा किया था कि 400 करोड़ रूपये के कथित टैंकर घोटाला मामले में केजरीवाल के सहयोगी ने उनसे तत्कालीन राज्यपाल नजीब जंग को कुछ रिपोर्ट भेजने में देरी करने को कहा था. इसी सिलसिले में एसीबी ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार से घंटों पूछताछ की थी.

बिभव को उत्तरी दिल्ली के सिविल लइंस इलाके में शामनाथ मार्ग पर बंगला मिला है. इस बंगले को आवंटित करते समय लोक निर्माण विभाग के मंत्री के रूप में सत्येंद्र जैन काम कर रहे थे. अब सतर्कता विभाग ने लोक निर्माण विभाग को भविष्य में ऐसे किसी भी आवंटन से पूर्व पूरी तरह से जांच पड़ताल करने को कहा है, ताकि इस तरह की अनियमितताएं भविष्य में न हो सके.

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