- पिछले साल सिर्फ 7 तो इस साल अब तक 799 जाँच में से 250 से ज्यादा मरीज
- प्रभारी मलेरिया अधिकारी ने कहा प्लेटलेट्स 10 से 20 हजार तक रह जाए फिर भी घबराएं नहीं मरीज
स्वस्थ्य होकर काम पर लौटे मलेरिया अधिकारी
उज्जैन। तमाम प्रयासों के बावजूद शहर और जिले में डेंगू का कहर जारी है। मरीजों की प्लेटलेट्स में गिरावट भी हो रही है। इस पर स्वस्थ्य होकर कल काम पर लौटे प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अखंड का कहना था कि अगर किसी व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या 10 से 20 हजार तक रह जाए तो भी मरीज के ठीक होने के शत प्रतिशत चांस रहते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं। इधर कल तक जिले में 799 संदिग्धों की जांच हो चुकी थी, जिसमें से 250 से ज्यादा में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वैसे तो इस साल जनवरी महीने की शुरूआत से लेकर अगस्त महीने के अंत तक मलेरिया विभाग के रिकार्ड में पूरे जिले में मात्र 7 डेंगू के पॉजिटिव केस थे। लेकिन 1 सितंबर से लेकर 27 सितंबर तक हुई कुल 799 संदिग्ध मरीजों की जांच में 250 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में कुल जांच के मुकाबले डेंगू पॉजिटिव आ रहे लोगों का प्रतिशत अब 30 के आसपास चल रहा है। इस बारे में जब मलेरिया विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी डॉ. एस.के. अखंड से अग्निबाण टीम ने उनके कार्यालय में जाकर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले उन्हें भी फीवर आया था।
लेकिन वे स्वस्थ्य हो चुके है और काम शुरू कर दिया है। जब डॉ. अखंड से मलेरिया के बढ़ते मामले और इसके निदान तथा लोगों में डेंगू के भय को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि विभाग द्वारा डेंगू की सतत रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन डेंगू पीडि़त मरीजों को इससे घबराने की आवश्यकता नहीं। प्लेटलेट्स अगर घटकर किसी व्यक्ति में 10 से 20 हजार तक रह जाए फिर भी रिकवरी के 100 प्रतिशत चांस रहते हैं। डेंगू से जिले में हुई महिला लेब टेक्निशियन की मौत और इससे उपजे लोगों में भय के बारे में डॉ. अखंड ने कहा कि अभी तक जिले में 799 सेंपलों की जांच हो चुकी है और कल दोपहर तक 248 डेंगू पॉजिटिव आ चुके है। लेकिन महिला की मौत के पीछे डेंगू के अलावा अन्य बीमारियां कारण रही है। लोग अगर पॉजिटिव आते हैं तो इससे घबराए नहीं।
पैरासिटामोल और लिक्विड डाइट लें
डॉ. अखंड ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को फीवर आता है तो भी इसमें हाथों हाथ डेंगू की जांच कराने की आवश्यकता नहीं। इस अवधि में 5 दिन इंतजार करना चाहिए और नियमित रूप से पैरासिटामोल मरीज को लेनी चाहिए तथा खाने में लिक्विड डाइट ज्यादा से ज्यादा लेना चाहिए। इसमें सभी तरह के फल फ्रुट और ज्यूस तथा दालें और दलिया का सेवन करना चाहिए। इसके बाद भी अगर फीवर रहता है तो डेंगू की जांच कराना चाहिए। इस दौरान डेंगू से घबराने की आवश्यता नहीं, क्योंकि 5 दिन बाद जांच में अगर डेंगू पॉजिटिव भी आता है तो यही उपचार किया जाता है। लिक्विड डाइट के सेवन से ही शरीर में प्लेटलेट्स बनते हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि साफ पानी में यह मच्छर पनपता है और तेजी से असर करता है।