img-fluid

बागेश्वर महाराज को बताया उचक्का, कहा- इनको ना सनातन का ज्ञान और ना ही भागवत का

  • February 18, 2025

    भोपाल: भारत के साधु-संत (Sadhus and Saints) और बाबाओं में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) सबसे अधिक चर्चा में रहते हैं. बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा देश-विदेश तक काफी फैली हुई है. आए दिन उनकी बातों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं. बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए भी पहुंचते हैं. हालांकि, शायद कांग्रेस (Congress) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक (Mukesh Nayak) को धीरेंद्र शास्त्री पसंद नहीं हैं. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को उचक्का तक बता दिया. उनके इस बयान पर विवाद गहरा सकता है.

    कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा, ‘धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म की कहां बात करते हैं. उन्हें सनातन धर्म के बारे में कुछ पता भी है कि नहीं? वो जिस तरह की भागवत करते हैं वो बचकानी हैं. ऐसे लोगों को बुंदेलखंड़ी में उचक्का कहते है. 18,000 श्लोक का ग्रंथ है. जिस तरीके से वो भागवत करते है मुझे बहुत शर्म आती है. मजमा लगा के हमारे धर्म ग्रंथ, हमारी परंपराओ और हमारी ऋषि परंपरा की जो देन है उसका मजाक उड़ाते हैं.

    उन्होंने आगे कहा, हजारों लोगो को सामने बिठाकर जिस तरीके से इन ग्रंथों की वो व्याख्या करते है, हंसी आती है. ना तो इस बागेश्वर धाम वाले बाबा को रामचरित मानस का ज्ञान है, ना भागवत का ज्ञान है और ना ही इनको वैदिक परंपरा का ज्ञान है. वैदिक जो वांगमय में है, उनमें ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, स्थापत्यवेद… और इसके साथ वेदों का जो यूनिफाइ फील्ड है- शिक्षा, निरुप्त. छंद है, प्रतिशार्क, न्याय, वैश्विक, अरण्यक, ब्राह्मण…आदि है. इस ज्योतिषवती प्रज्ञा को भी 27वां स्थान वैदिक वांगमय हमारी आज की ऋषि परंपरा के लोगों ने दिया है.


    उन्होंने यह भी कहा कि क्या ज्ञान है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को इस बारे में? सनातन धर्म, सनातन धर्म चिल्लाते फिरते हैं. अभी हाल ही में कुंभ में हुई लोगों की मृत्यु का उपहास कर रहे थे की इनको मोक्ष मिलेगा. मुकेश नायक ने कहा कि अरे तुम (धीरेंद्र शास्त्री) आ जाओ, तुम और तुम्हारे पिताजी को वहां ढकेल के मोक्ष दे देते हैं. व्यवस्था करने की बजाय, लोगों की मदद करने की बजाय आप उनका मजाक उड़ा रहे हो. इनको कोई ज्ञान नहीं है.

    कांग्रेस नेता ने कहा कि आज के समय में जो धर्म का अंधानुकरण है ये इसके रूप में लोगों की आंखों में धूल झोंकते है, धार्मिक आस्थाओं का दोहन करते हैं, धर्म को राजनीति का औजार बना रहे हैं और प्रचंड सांप्रदायिकता को भारत में प्रोत्साहन दे रहे हैं.

    उन्होंने कहा, मैं चुनौती देता हूं बागेश्वर धाम को की वो मंच लगा लें. मैं एक पूर्ण राजनैतिक व्यक्ति नहीं हूं. मौलिक रूप से मैं आध्यात्मिक व्यक्ति हूं और धर्म, संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ हूं. वो मंच लगा लें. रामचरित मानस पर, भागवत पर, गीता पर, पूरे वैदिक वांगमय पर जिस विषय पर उन्हें चर्चा करना हो कर लें. अगर वो मेरी चर्चा में प्रश्नों का जवाब दे पाए तो मैं उसी मंच पर अपना सिर मुड़वाकर राजनीति से सन्यास ले लूंगा, नहीं तो उनको अपना मुंडन कराना पड़ेगा और राजनीतिक क्षेत्र में जो आध्यात्मिक आड़ दे के जो बक बक कर रहे है, वो छोड़ना पड़ेगा.

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बागेश्वर धाम जाने पर उन्होंने कहा कि नेता दया का पात्र है. नेता जैसे ही देखता है की किसी व्यक्ति के पास भीड़ भाड़ लग रही है तो उसको लगता है ये हमारे वोट है. सच कहने की क्षमता उसकी खत्म हो जाती है और उस भीड़ का वो उपयोग करना चाहता है और इसी अंधाधुंध में वो भी उनके पास जा रहे हैं. उनकी भी मैं आलोचना करता हूं.

    Share:

    आदित्य ठाकरे ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर उठाए सवाल, कहा- चयन निष्पक्ष नहीं

    Tue Feb 18 , 2025
    मुंबई: शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन पर सवाल उठाए हैं. आदित्य ठाकरे ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अपॉइंटमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘इनका अपॉइंटमेंट सही और फेयर नहीं है.’ इस तरह देखा जाए तो उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना के नेता और विधायक आदित्य […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved