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डिजिटल इंडिया को मिलेगी और ताकत! 14903 करोड़ का होगा निवेश, ये 10 कदम भी हैं अहम

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के एक विस्तारित संस्करण को लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य देश की डिजिटल क्रांति को और गति प्रदान है. विस्तारित कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी, शिक्षा, शासन और नवाचार से जुड़ी पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जिसके लिए 14,903 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

1. डिजिलॉकर एक्सटेंशन : डॉक्यूमेंटेशन को सुव्यवस्थित करने और डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग को बढ़ाने के लिए, डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का एक विस्तार पेश किया जाएगा, जो विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और अन्य संगठनों के लिए तैयार किया गया है. इस कदम से परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) में सुधार और महत्वपूर्ण दस्तावेजों तक निर्बाध पहुंच की सुविधा मिलने की उम्मीद है.

2. फ्यूचरस्किल्स प्राइम प्रोग्राम : तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य को स्वीकार करते हुए, फ्यूचरस्किल्स प्राइम प्रोग्राम लगभग 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को फिर से कुशल और उन्नत बनाने के लिए तैयार किया गया है. इस पहल का उद्देश्य उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और देश की डिजिटल शक्ति में योगदान करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस करना है.

3. आईएसईए प्रोग्राम : सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (ISEA) कार्यक्रम के तहत, 2.65 लाख व्यक्ति सूचना सुरक्षा में व्यापक प्रशिक्षण से गुजरेंगे. इस प्रयास का उद्देश्य देश के साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना और सभी नागरिकों के लिए अधिक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाना है.

4. उमंग ऐप सेवाओं का विस्तार : यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (UMANG) ऐप, जो पहले से ही 1,700 से अधिक सेवाएं प्रदान करता है, अतिरिक्त 540 सेवाओं के साथ अपनी पेशकश को बढ़ाने के लिए तैयार है. इस विस्तार का उद्देश्य सिंग यूजर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी सेवाओं और सूचनाओं तक पहुंच को सरल बनाना है.


5. राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का विकास : वैज्ञानिक अनुसंधान और कम्प्यूटेशनल क्षमताओं को और आगे बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन में 9 नए सुपरकंप्यूटर जोड़े जाएंगे. यह विस्तार देश भर में पहले से ही तैनात मौजूदा 18 सुपर कंप्यूटरों पर आधारित है.

6. भाषिणी : एआई-इनेबल्ड मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेशन टून, भाषिणी (BHASHINI), जो वर्तमान में 10 भाषाओं में उपलब्ध है, को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं को कवर करने के लिए विस्तारित किया जाएगा. इस कदम से भाषाई बाधाओं के टूटने और विविध भाषाई समुदायों के बीच बेहतर संचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

7. नेशनल नॉलेज नेटवर्क का आधुनिकीकरण : नेशनल नॉलेज नेटवर्क, जो 1,787 शैक्षणिक संस्थानों को आपस में जोड़ता है, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और सहयोग के अवसर प्रदान करने के लिए आधुनिकीकरण से गुजरेगा.

8. सपोर्टिंग स्टार्टअप्स : डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तारित संस्करण के तहत, टियर 2 और 3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप को समर्थन प्राप्त होगा, जो महानगरीय क्षेत्रों से परे नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देगा.

9. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एआई एप्लीकेशन : शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, कृषि और सस्टेनेबल लिविंग के लिए एआई एप्लीकेशन के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे. ये केंद्र सामाजिक लाभ के लिए तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए हैं.

10. साइबर सुरक्षा और साइबर जागरूकता पहल : साइबर सुरक्षा और साइबर जागरूकता पर महत्वपूर्ण जोर दिया जाएगा. 12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर जागरूकता पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम – इंडिया) को बढ़ावा देने और इस संगठन को अगले स्तर पर ले जाने की पहल की जाएगी. यह प्रोग्राम नए साइबर सुरक्षा उपकरण भी पेश करेगा और 200 से अधिक साइटों को नेशनल साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर के साथ जोड़ेगा.

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