नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization-SCO) शिखर सम्मेलन (Summit) में हिस्सा लेने के बाद उज्बेकिस्तान से भारत लौट आए हैं। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को समरकंद पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस 24 घंटे के दौरे के दौरान दुनिया को बड़ा संदेश देकर वापस लौट रहे हैं। चाहे वो यूक्रेन के खिलाफ रूस को ओर से शुरू की गई जंग हो या फिर चीन के साथ भारत की तनातनी।
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से आमना-सामना भी हुआ। गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच में किसी भी प्रकार की मुलाकात नहीं हुई।
मंच पर जिनपिंग से दिखी दूरियां
पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) जब शंघाई सहयोग संगठन के मंच पर दिखे तो दूरिया भी साफ नजर आईं। दोनों नेताओं न तो हाथ मिलाया और न ही चेहरे पर कोई मुस्कान थी। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित समिट में पीएम नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति से उचित दूरी बनाते हुए दिखे।
यूक्रेन युद्ध के खिलाफ पुतिन को मंत्र
शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत हुई। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में रूस के राष्ट्रपति को युद्ध को लेकर एक सुझाव भी दे डाला। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह युग युद्ध का नहीं है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी, डिप्लोमेसी और डायलॉग से ही दुनिया को सही संदेश मिलेगा।
पाकिस्तानी पीएम भी हुए थे शामिल
इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हुए थे। शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बगल में खड़े नजर आ रहे हैं।
2001 में हुई ती एससीओ की शुरुआत
एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें इसके छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें साल 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए। कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैं।