इंदौर न्यूज़ (Indore News)

दिमाग की नस में मिले गुब्बारे का ऑपरेशन कर मूक बधिर गरीब मरीज की डाक्टरो ने बचाई जान

इंदौर (प्रदीप मिश्रा)। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) में गरीब युवक की ब्रेन एंजियोग्राफी (brain angiography) के दौरान पता चला कि उसके दिमाग मतलब मस्तिष्क की नस (brain vein) में गुब्बारा बन चुका है । मूक बधिर होने की वजह से युवक दर्द से तड़फता रहता किसी को अपनी पीड़ा बता नही पाता था। इस गरीब युवक के सिर का ऑपरेशन कर सुपरस्पेशलिटी व एमवाय अस्पताल (MY Hospital) के डाक्टरो ने ऑपरेशन कर सालो से झेल रहे दर्द से न सिर्फ मुक्ति दिलाई बल्कि उसकी जान भी बचा ली। अभी तक लोगो को सिर्फ हार्ट सम्बन्धित एंजियोग्राफी के बारे ही जानकारी थी मगर अब ब्रेन की भी एंजियोग्राफी होने लगी है।

महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज (Mahatma Gandhi Medical College) के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ब्रेन की एंजियोग्राफी प्रारंभ हो गई है। जिसका सबसे पहले फायदा धामनोद निवासी 27 वर्षीय मूक बधिर मरीज को मिला। यह युवक अचानक हुए सिरदर्द के वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ जहां उंसकी कई मेडिकल जांचो के बाद उसे तुरन्त ऑपरेशन की सलाह दी गई। इस मरीज के परिजनों की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वे ऑपरेशन का महँगा खर्च नही वहन कर सकते थे। निजी अस्पताल वालो ने ऑपरेशन व इलाज का लगभग 4 लाख रुपये खर्चा बताया था।


इसलिए मरीज के परीजन ने इसे एम वाय अस्पताल में भर्ती कराया , जिसके बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Specialty Hospital) में हाल ही में प्रारंभ हुई अत्याधुनिक लैब में ब्रेन की एंजियोग्राफी की गई। जिसमें जांच के दौरान ब्रेन की खून वाली नस में एन्यूरिज्म (गुब्बारा) पाया गया। इसका तुरंत ऑपरेशन आवश्यक था। परिजनों की सहमति मिलने के बाद एम वाय अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान माइक्रोसर्जरी (microsurgery) द्वारा गुब्बारे की क्लिपिंग की गई। यह ऑपरेशन न्यूरोसर्जरी विभाग (Department of Neurosurgery) के प्रमुख प्रोफेसर राकेश गुप्ता (Professor Rakesh Gupta) के नेतृत्व में डॉ जफर शेख एवं डॉ पियूष पंचारिया (Dr. Zafar Sheikh and Dr. Piyush Pancharia) द्वारा किया गया जिसमें एनेस्थीया विशेषज्ञ डॉ रश्मि पाल,  डॉ निधि एवं डॉ अर्पित (Anesthesia Specialist Dr Rashmi Pal, Dr Nidhi and Dr Arpit) ने अपनी- अपनीजिम्मेदारिया बखूबी निभाई।

*निजी अस्पतालों लाखो रुपये खर्च हो जाते है
डॉ राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta) ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में इस ऑपरेशन में लाखों रुपए का खर्च आता है। जबकि एम वाय अस्पताल में आयुष्मान योजना कार्ड वालो के लिए इस प्रकार के ऑपरेशन में मरीज को कोई शुल्क नही लगता है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुमित शुक्ला (Dr. Sumit Shukla) ने बताया की हाल ही में शुरू हुई अत्याधुनिक लैब में अब नियमित रूप से ब्रेन की एंजियोग्राफी हो सकेगी तथा कॉयलिंग एवम् एंबोलाइजेशन जैसे प्रोसीजर्स भी अत्यंत रियायती दरों पर किए जा सकेगें । इसके लिए एक प्रशिक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति भी न्यूरो सर्जरी विभाग (neuro surgery department) में की जा चुकी है।

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