इंदौर। जनसहयोग और जनभागीदारी से शहर में सडक़ों से लेकर तमाम विकास कार्य शासन, प्रशासन और नगर निगम करवाता आया है। यह शहर दानदाताओं के लिए भी मशहूर है और अभी चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय का नवीनीकरण भी कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा करवाया जा रहा है, जिसे अब प्रदेश का सबसे अच्छा मॉडल हॉस्पिटल बनाया जाएगा, जो कि 200 बिस्तरों का रहेगा और अत्याधुनिक बच्चों से जुड़ी चिकित्सा सेवाएं यहां उपलब्ध होगी। इसके लिए भी दानदाताओं से जनसहयोग लिया जा रहा है और 5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इस पर खर्च की जाएगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के दो और श्मशान घाटों का जीर्णोद्धार भी दानदाताओं के सहयोग से करवाया जाएगा।
इंदौर ही नहीं बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के जीर्णोद्धार का कार्य कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर जनसहयोग से तेजी से जारी है। जीर्णोद्धार के पहले चरण का कार्य आगामी मार्च महिने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद दूसरा चरण प्रारंभ किया जाएगा जो बारिश के पूर्ण जून माह तक पूर्ण होगा। अस्पताल को प्रदेश का सबसे बेहतर और मॉडल हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अस्पताल में बाल मरीजों के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी जुटायी जायेगी। यह जानकारी कल यहां कलेक्टर आशीष सिंह, विधायक गोलू शुक्ला, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर तथा गौरव रणदिवे द्वारा जीर्णोद्धार कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए किये गए निरीक्षण के दौरान दी गई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर गौरव बेनल, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक यादव, संयुक्त कलेक्टर प्रदीप सोनी तथा प्रमुख रूप से जनसहयोग देने वाली संस्था क्रेडाई के संदीप श्रीवास्तव भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान विधायक गोलू शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जीर्णोद्धार के इस कार्य की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह कार्य मानव सेवा का सबसे बड़ा कार्य है। अस्पताल के जीर्णोद्धार होने बच्चों के इलाज में बेहतर सुविधाएं और अनुकूल वातावरण मिलेगा। उन्होंने कहा कि 200 बेड होने से यह प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल बच्चों के इलाज के लिए हो जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जनसहयोग से इस अस्पताल के जीर्णोद्धार का कार्य हाथ में लिया गया है। पहला चरण मार्च में पूर्ण होगा। इसमें लगभग पाँच करोड़ रुपये जनसहयोग से खर्च होंगे। दूसरा चरण भी बारिश के पूर्व जून माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसमें भी लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे। अस्पताल में बेड की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 की जा रही है। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इंदौर शहर में जनसहयोग से 17 और जीर्णोद्धार के कार्य कराये जा रहे है इनमें से 13 कार्य लगभग पूर्ण हो गए है। शेष कार्य प्रगति पर है वह भी जल्द पूरे हो जाएंगे। इनमें अधिकांश कार्य शमशान घाटों के जीर्णाद्धार के है। अन्य कार्यों मंर महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय विभाग से जुड़ी संस्थाओं के जीर्णोद्धार के हैं। कलेक्टर सिंह ने बताया कि जनसहयोग के लिए दानदाता स्वप्रेरणा से आगे आ रहे है। हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र के दो और शमशान घाट के जीर्णोद्धार का कार्य हाथ में लिये गए हैं।
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