नई दिल्ली। सऊदी अरब [Saudi Arabia] में गाजा [Gaza] और फिलिस्तीन [Palestine] के समर्थन में प्रार्थना करने पर रोक लगा दी गई है। मक्का और मदीना [Mecca and Medina] जैसे पवित्र स्थलों पर हमास [Hamas] के दुआं मांगने पर लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो एक ब्रिटिश [British] अभिनेता और प्रस्तुतकर्ता, इस्लाह अब्दुर-रहमान को मक्का में तीर्थयात्रा के दौरान फिलिस्तीनी केफियेह पहनने और फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह ले जाने के लिए हिरासत में लिया गया। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मेरे सिर के चारों ओर एक सफेद केफियेह और मेरी कलाई के चारों ओर एक फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह पहनने के कारण चार सैनिकों ने मुझे रोक दिया और मुझे एक ऑफ-साइट हिरासत में ले गए और पूछताछ की गई।
– स्कार्फ न पहनने की चेतावनी भी दी
अब्दुर-रहमान ने कहा कि सैनिकों का ध्यान स्पष्ट रूप से उसके स्कार्फ पर था, क्योंकि इसकी जांच करते समय उन्होंने बार-बार फिलिस्तीनी केफियेह का उल्लेख किया था। अखिरकार उसे रिहा कर दिया गया, लेकिन स्कार्फ न पहनने की चेतावनी भी दी गई। मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें छह घंटे तक हिरासत में रखा गया, पूछताछ की गई और गाजा के लिए उनकी प्रार्थना के वीडियो को हटाने के लिए उनका फोन जब्त कर लिया गया।
– लगातार हो रही गिरफ्तारी
रिपोर्ट्स की मानें तो सऊदी अधिकारी उन उपासकों को गिरफ्तार कर रहे हैं जो गाजा के साथ एकजुटता का संकेत देते हैं और मक्का और मदीना के पवित्र स्थानों में फिलिस्तीन के लिए प्रार्थना करते हैं। पिछले घटनाक्रम की तरह ही 10 नवंबर को भी गिरफ्तारी की गई। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक अल्जीरियाई व्यक्ति हज की यात्रा के दौरान अपने अनुभवों को बता रहा था। शख्स ने बताया कि सऊदी अधिकारियों ने उसे भी फिलिस्तीनियों के प्रति सहानुभूति और उनके लिए प्रार्थना करने के लिए गिरफ्तार किया था। वीडियो में शख्स ने कहा, फिलिस्तीन में हमारे भाइयों के लिए प्रार्थना करने के कारण मुझे छह घंटे से अधिक समय तक गिरफ्तार किया गया।
-12 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए
इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग को 41 दिन से ज्यादा हो गए हैं। इजरायल हमास को खत्म करने के लिए गाजा पर हवाई हमले कर रहा है। इसकी वजह से गाजा पट्टी में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या 12 हजार के पार हो गई है। इनमें करीब 4,710 बच्चे और 3160 औरतें शामिल हैं। इजरायल के कार्रवाई को लेकर कई देशों ने आपत्ति भी जताई है और सीजफायर की मांग की है।
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