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कोरोना का दोगुना कहर..डराया भी और जेब भी खाली की

उज्जैन। मार्च माह से कोरोना की बीमारी न केवल भयभीत कर रही है बल्कि जेब भी खाली कर रही है। लोग घरों में दुबके बैठे हैं और हजारों लोगों से लाखों रुपए जुर्माना भी वसूला गया है। कईयों को तो अस्थायी जेल की हवा भी खानी पड़ी है।
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार अस्थायी जेल भेजने से लेकर स्पॉट फाईन लगाने की कार्रवाई कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार इस अभियान के तहत बीते एक महीने में 5 हजार 934 लोगों को मास्क नहीं पहनने पर 6 लाख 68 हजार के करीब जुर्माना किया गया है, साथ ही उन्हें अस्थायी जेल में भी एक दिन रखा गया है। इसके अलावा लेफ्ट राईट फार्मूले के हिसाब से दुकान नहीं खोलने वालों पर पहले ही 2 लाख 42 हजार रुपए का फाईन लगाया जा चुका है। इसके अतिरिक्त सोश्यल डिस्टेंस नहीं मानने वाले 357 लोग 3 लाख 5 हजार का जुर्माना भर चुके हैं। कफ्र्यू तोडऩे वाले 443 लोगों से 70 हजार से ज्यादा जुर्माना लिया जा चुका है। कुल मिलाकर पिछले एक महीने में सोश्यल डिस्टेंस नहीं मानने वाले, कफ्र्यू तोडऩे वाले, मास्क नहीं लगाने वाले लोगों पर 13 लाख 18 हजार से ज्यादा का स्पॉट फाईन हो चुका है और 5 हजार से ज्यादा लोग एक दिन की अस्थायी जेल में भी होकर आ चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा नियम तोडऩे वालों के खिलाफ माधव कॉलेज को बतौर अस्थायी जेल उपयोग किया जा रहा है। कई बार तो इसमें ऐसे निर्दोष लोगों को भी पकडक़र बैठा लिया जाता है जो मास्क की बजाय रूमाल या गमछा मँुह पर बाँधे रहते हैं। बावजूद इसके मास्क नहीं पहनने का हवाला देकर कई लोगों को स्पॉट फाईन करने के साथ-साथ जेल भी भेजा जा चुका है, जबकि केन्द्र सरकार की गाईड लाईन में स्पष्ट निर्देश है कि सार्वजनिक स्थान पर अगर कोई व्यक्ति मास्क नहीं होने से निकलता है तो इसके एवज में वह गमछा या रूमाल का उपयोग मुँह ढँकने के लिए कर सकता है लेकिन कार्रवाई करने वाली टीम नहीं मानती। नियम तोडऩे वालों के अलावा कोरोना गाईड लाईन का पालन कराने वाली जिला प्रशासन की टीम के द्वारा ऐसे लोगों पर भी स्पॉट फाईन लगाया जा रहा है जो सार्वजनिक स्थानों पर थूक रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा खुले में थूकने से भी है। यही कारण है कि अभी तक सडक़ पर थूकने वाले सैकड़ों लोगों से हजारों रुपए का स्पॉट फाईन वसूला जा चुका है। बावजूद इसके लोग सडक़ों पर थूकना नहीं छोड़ रह्वहे।

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