नई दिल्ली। देश की रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (Cabinet Committee on Defense Affairs of the Country) ने वायुसेना (Air Force) लिए 6 नए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट की परियोजना को मंजरी दे दी है. इस कमेटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. 11 हजार करोड़ की इस परियोजना को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया था।
भारतीय वायुसेना ने स्वदेश निर्मित पहला AEW&C सिस्टम 2017 में शामिल किया था. ये सिस्टम ब्राजीलियन Embraer-145 जेट पर आधारित था. नेत्रा AEW&C नामक इस सिस्टम को डीआरडीओ द्वारा डेवलप किया गया था और इसकी रेंज करीब 200 किलोमीटर की है. नया AEW&C सिस्टम एयरबस ए321 पर आधारित होगा और माना जा रहा है कि ये नेत्रा सिस्टम से ज्यादा आधुनिक होगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में दो नेत्रा सिस्टम सर्विस में हैं. DRDO इन 6 विमानों को एयर इंडिया से हासिल करेगा. इन विमानों को मॉडिफाई कर उन्हें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&C) के साथ फिट करेगा।
क्या होता है AEW&C
दरअसल AEW&C सिस्टम जमीन पर आधारित रडार की तुलना में दूसरी ओर से आने वाली क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, ड्रोन समेत आकाश में उड़ने वाली सभी वस्तुओं का बेहद तेजी के साथ पता लगा सकता है. साथ ही इन्हें ट्रैक भी करने की क्षमता रखता है. ये सिस्टम समुद्र में भी निगाहें रख सकता है और पोतों की सुरक्षा के लिए काम कर सकता है।
नए ट्रांसपोर्टर विमानों की खरीद को भी कैबिनेट से हरी झंडी
बता दें कि भारतीय वायुसेना के लिए नए ट्रांसपोर्टर विमानों की खरीद को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है. भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके विमानों की जगह नए उन्नत और आधुनिक विमानों से बदलने की प्रक्रिया लगातार जारी है. लंबे समय से भारतीय वायुसेना में सेवाए दे रहे एवरो छोटे ट्रांसपोर्टर विमानों की जगह अब स्पेन के C-295MW लेंगे।
कैबिनेट ने 56 नए C-295MW विमानों की खरीद को मंजूरी दी है. इन 56 विमानों में से 16 विमान स्पेन से पूरी तरह से तैयार होकर फ्लाइवे कंडीशन यानी की स्पेन से सीधे उड़ान भरकर भारत आएंगे जबकि बाकी 40 को लाइसेंस के तहत भारत में बनाया जाएगा. इस नए एयरक्राफ्ट की वजन ढोने की क्षमता 5 से 10 टन की है. इस एयरक्राफ्ट में सैनिक और कार्गो को पैरा ड्रॉप करने के लिए रीयर रैंप डोर भी है. कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के बाद 48 महीनों के भीतर 16 एयरक्राफ्ट स्पेन से बनकर आएंगे बाकी बचे 40 एयरक्राफ्ट अगले दस साल के भीतर भारत में तैयार होंगे।
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