आचंलिक

अतिक्रमणकर्ताओं की बदौलत गाय सड़कों पर, जिम्मेदार मौन

  • भारतीय किसान यूनियन दिया ज्ञापन

सिरोंज, सईद खान
जिस तरह से आज चंद अतिक्रमणकर्ताओं की बदनियती की बदौलत गाय सड़कों पर विचरण करने को विवश हैं,लेकिन इन अतिक्रमण कर्ताओं को संरक्षण देने वाले राजस्व विभाग और नजूल में बैठे हुऐ भ्रष्ट अधिकारी भी कम गुनाहगार नहीं है। गौचर भूमि हड़पने वालों में पक्ष विपक्ष के नेता भी शामिल हैं।
जिन्हें ईश्वर का तनिक मात्र भी खौफ नही क्योंकि ये स्वयं को स्वयंभू समझते हैं, जो कि गाय के सड़कों पर विचरण के लिऐ कहीं ना कहीं जिम्मेदार भी है। गोचर भूमि को अतिक्रमणकर्ताओं से मुक्त कराने वाले अधिकारी कर्मचारीयों सांठगांठ होने की वजह से कैसे मुक्त हो, क्योंकि निज स्वार्थ में अंधे हो चुके लोगों की वुद्धि जो भ्रष्ट हो चुकी है। सूबे के मुखिया यदि चाहें तो सब कुछ संभव हो सकता है,और गोचर भूमि अतिक्रमण कर्ताओं से मुक्त हो सकती है। और सड़कों पर विचरण करने वाली गाय को सड़कों पर विचरण करने से मुक्ति मिलती सकती, जरुरत है, तो बस इच्छा शक्ति कि जो कि अतिक्रमण कर्ताओं से गोचर भूमि मुक्त कराने के लिऐ चाहिये। ऐसा नहीं है कि इस बात का किसी को पता नहीं है, सब कुछ जानते समझते हुऐ भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी तमाशबीन बने हुऐ हैं।


क्योंकि गाय को सड़कों पर लाने का मुख्य कारण हम और आप और वह अतिक्रमण करता जिन्होंने गोचर भूमि पर अतिक्रमण कर रखा हैं। इस बात की जानकारी राजस्व विभाग नजूल विभाग और प्रशासन के हर एक अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों को पता है, उसके बाद भी हाथ पर हाथ धरे हुऐ बैठे हैं। किसी भी अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं है कि अतिक्रमण कर्ताओं से गोचर भूमि को मुक्त कराकर गायों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध करा सकें, शासकीय गौशालाओं की यथास्थिति किसी से छिपी नहीं है क्योंकि गौशालायें ना काफी साबित हो रही है। सड़कों पर विचरण करने वाली गायों के लिऐ इसलिए गौशालाओं में उन गायों को रखा जाता जो गाये दूध देती है,या फिर गौशाला संचालकों के गौशाला संचालन की आड़ में बारे न्यारे हो रहे हैं। अधिकतर गौशालाओं की यथास्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कुछ शासकीय गौशालाये ऐसी है भी है जो कि पूर्ण होने के अभाव में अधूरी पड़ी हुई है। जिनके शुरू होने का कोई समय सीमा तय नहीं है। जिस गाय के नाम पर सरकार लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है वह भूखी प्यासी फिर रही है और जिनकी चड्डी खरीद ने की औकात नहीं थी वह आज अपनी औकात भूल गये है। महामहिम राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन- भारतीय किसान यूनियन सर्व ने एक ज्ञापन महामहिम राज्यपाल के नाम अनुविभागीय अधिकारी प्रवीण प्रजापति को सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसल सोयाबीन उड़द मूंग की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई है। किसानों की बीज की लागत भी निकलना भी मुश्किल है। जिससे किसान भविष्य में खेती की लागत को लेकर बहुत चिंतित है।

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