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रूसी कोरोना वैक्सीन के वजह से आधी दुनिया में मचा हड़कंप, जानें क्‍यों?

काराकस। लैटीन अमेरिका(latin america) से लेकर पश्चिम एशिया(West Asia) तक विकासशील देशों में लाखों लोग स्पूतनिक-वी (Sputnik V) कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की खुराक (Dose) लेने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) में पहली खुराक (1st dose) और दूसरी खुराक (2nd dose) के बीच अंतर बढ़ता ही जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक, रूस (Russia) ने कोविड-19 रोधी टीके (anti covid-19 vaccines) की एक अरब खुराक देने का वादा किया था, लेकिन उसने केवल 4.8% खुराकों का ही निर्यात किया है.
टीके में निवेश करने वाले रूस के सरकार नियंत्रित राजकोष के प्रमुख ने बुधवार को कहा था कि टीके की आपूर्ति की समस्या हल कर ली गई है. एस्पेरिता गार्शिया द पेरेज (88) ने मई में कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक ली थी. वह अब स्पूतनिक वी टीके की दूसरी खुराक का इंतजार कर रही हैं. वह पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित हुई. उनके जीवित रहने की उम्मीद कई दवाओं और घर पर हो रही देखभाल पर टिकी हुई है.



वेनेजुएला ने दिसंबर 2020 में स्पूतनिक की एक करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे 40 लाख से भी कम खुराकें मिली. अर्जेंटीना को 25 दिसंबर को स्पूतनिक की पहली खेप मिली थी, लेकिन वह अब भी दो करोड़ खुराकों का इंतजार कर रहा है.
स्पूतनिक वी का प्रयोग सबसे पहले अगस्त 2020 में किया गया और करीब 70 देशों में इसे मान्यता मिली। कोविड-19 के अन्य टीकों के बजाय स्पूतनिक की पहली और दूसरी खुराक अलग हैं। उत्पादन में मुश्किलों खासतौर से दूसरी खुराक के अवयवों को बनाने में दिक्कतों से इस टीके के निर्माण में देरी हुई है. विशेषज्ञों ने इसके लिए उत्पादन की सीमित क्षमता के साथ ही इस प्रक्रिया की जटिलता को जिम्मेदार ठहराया है.

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