उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

Corona Wave के दौरान 1311 ऐसे बच्चे जिनके माँ, बाप में से केवल एक ही बचा

  • 597 बच्चे बीपीएल परिवार के दर-दर भटकने को मजबूर- 38 बच्चों को ही मिला है 5000 पेंशन का फायदा

उज्जैन। कोरोना की दो लहर आई जिसमें कई बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया और कुछ बच्चों के माता-पिता में से कोई एक नहीं रहा। ऐसे में सरकार ने सिर्फ उन्हें लाभ दिया है जिनके माता-पिता दोनों नहीं रहे जबकि उज्जैन जिले की बात की जाए तो इस लहर के दौरान 1311 बच्चे ऐसे हैं जिनके सिंगल पेरेंट्स रह गए हैं।



मार्च 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक कोरोना की दो लहर खूब कहर बरपाया इसमें व्यापार-व्यवसाय तो चौपट हुआ ही साथ ही कई बच्चों के माता पिता दोनों इस महामारी में चले गए। इस पर शासन ने स्पष्ट आदेश दिया था कि मार्च 2020 से लेकर मई 2021 तक जितने भी बच्चों के मां बाप या इनमें से किसी एक का इस अवधि में निधन हुआ है तो उसे सूचीबद्ध किया जाए। ऐसे सभी बच्चों को सूचीबद्ध किया गया तो महिला बाल विकास विभाग के पास जो आंकड़े आए उसके अनुसार इस अवधि में 1311 बच्चे ऐसे आए जिनकी माँ या बाप में से कोई एक नहीं रहा, वहीं इन्हीं में से 597 ऐसे बच्चे हैं जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं, इनके पास तो काम धंधा भी नहीं बचा है। यह बच्चे और इनके जो भी पालक बचे हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं क्योंकि शासन ने सिर्फ 38 बच्चों को ही 5 हजार की सहायता राशि देने की मंजूरी दी है जिनके मां-बाप दोनों इस त्रासदी में खो गए हैं। बाकी के 1311 बच्चों के लिए अभी सिर्फ हाईकोर्ट ने 3 लाख भेजे थे जो 180 बच्चों को बराबर बांट दिए गए हैं। इसके अलावा इन बच्चों को अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है। बताया जाता है कि सिंगल पेरेंट्स जिनके कोरोना महामारी में चले गए हैं। उनको भी सहायता देने का प्रस्ताव कैबिनेट तक गया था लेकिन अब तक वहां से मंजूरी नहीं मिल पाई है ऐसे में मदद के इंतजार में यह बच्चे रा ह तक रहे हैं।

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