
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी(businessman Anil Ambani) के रिलायंस ग्रुप(Reliance Group) की कई करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क(attachment of properties) कर लिया है। यह कार्रवाई उनके और उनकी ग्रुप कंपनियों के खिलाफ कर्ज धोखाधड़ी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी हुई है। इस मामले से परिचित लोगों ने रविवार को यह जानकारी दी। बिना नाम बताए एक अधिकारी ने पुष्टि की कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच में लगभग 3,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुर्की पर विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।
रिलायंस ग्रुप ने पहले किसी भी गलत काम से इनकार किया था। कंपनी ने 1 अक्टूबर को एचटी को ईमेल बयान में कहा, ‘17000 करोड़ रुपये की बताई गई राशि और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंध केवल काल्पनिक बातें हैं। इनमें कोई सच्चाई या आधार नहीं है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर अपने बिजनेस प्लान को लागू करने पर ध्यान दे रहा है। कंपनी बैंक और वित्तीय संस्थानों के कर्ज से मुक्त है। जून 2025 तक इसका नेट वर्थ 14,883 करोड़ रुपये है।’
17,000 करोड़ की अनियमितताओं के आरोप
वित्तीय अपराध जांच एजेंसी अनिल अंबानी की कई ग्रुप कंपनियों को ओर से वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है, जिसकी राशि 17,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। जांच के तहत इस साल अगस्त में अनिल अंबानी से भी पूछताछ की गई थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी कंपनी और अनिल अंबानी की जांच कर रहा है। ग्रुप कंपनियों, यस बैंक और पूर्व बैंक सीईओ राणा कपूर के रिश्तेदारों की कंपनियों के बीच धोखाधड़ी वाले लेनदेन मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
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