बड़ी खबर व्‍यापार

जांच एजेंसियों के रडार में आते ही खरीद लिए इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड, इन कंपनियों ने जमकर लुटाई दौलत

नई दिल्‍ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)के आदेश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड(electoral bond) से जुड़ी कई जानकारियों लोगों के सामने आ गई हैं। चुनाव आयोग (election Commission)की वेबसाइट (Website)पर जारी आंकड़ों के बाद पता चला है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कम से कम 26 ऐसी कंपनियां हैं जो कि जांच एजेंसियों के रडार पर थीं। जांच एजेंसियों की कार्रवाई शुरू होने के बाद इनमें से 16 कंपियों ने धड़ाधड़ राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा देना शुरू कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिलने वाले चंदे का 37.34 फीसदी इन्हीं कंपनियों से मिला।

रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 के बीच इन 26 कंपनियों ने ही 700 करोड़ से ज्यादा के बॉन्ड खरीद लिए। वहीं जांच एजेंसियों के रडार पर आने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में तेजी आ गई। इनमें से 10 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने 100-100 करोड़ से ज्यादा के बॉन्ड खरीदे। सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग ने ईडी के ऐक्शन से पहले एक भी बॉन्ड नहीं खरीदा था। जांच एजेंसी की मार पड़ी तो इसने 503 करोड़ का चंदा डीएमके को ही दे दिया। इसके अलावा टीएमसी को भी 542 करोड़ का चंदा दिया। भाजपा को भी फ्यूचर गेमिंग से 100 करोड़ मिले। बता दें कि फ्यूचर गेमिंग का कारोबार तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में अच्छा चलता था।


हल्दिया एनर्जी ने केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर आने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद में 16 गुना का इजाफा कर दिया। कंपनी ने पहले 22 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जिसमें से 16 करोड़ भाजपा को और 6 करोड़टीएमसी को दिए। जांच एजेंसी के ऐक्शन के बाद कंपनी ने 355 करोड़ के बॉन्ड खरीदे जिसमें से 175 कोड़ भाजपा औक 65 कोड़ टीएमसी को मिले। बता दें कि जुलाई 2019 में ईडी ने फ्यूचर गेमिंग की 250 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी थी। इसतके बाद पहली बार अक्टूबर 2020 में कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा.। पहली बार इसने भाजपा के लिए 50 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे।

रिपोर्ट के मुताबिक 41 ऐसी कंपनियां हैं जो कि किसी ना किसी एजेंसी की रडार पर थी। इन कंपनियों ने केवल भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 1698 करोड़ रुपये का चंदा दिया। इसी तरह केवेंटर ने पहले 380 करोड़ के बॉन्ड खरीदे थे और जांच एजेंसी के ऐक्शन के बाद 192.4 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। इसने भाजपा को 320 करोड़ और कांग्रेस को 30 करोड़ का चंदा दिया था। वहीं ऐक्शन के बाद कांग्रेस को 91 करोड़ का चंदा और दिया। वेदांता ने भी एजेंसी के रडार से आने से पहले 52.65 करोड़ का चंदा दिया था। वहीं ऐक्शन के बाद 347.7 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। हल्दिया एनर्जी की बात करें तो ऐक्शन से पहले इसने केवल 22 करोड़ के बॉन्ड खरीदे थे. वहीं ऐक्शन के बाद 355 करोड़ के बॉन्ड खरीद डाले। इसने सबसे ज्यादा टीएमसी को चंदा दिया। 2020 में कंपनी के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था।

Share:

Next Post

कौन हैं JNUSU के नए अध्यक्ष धनंजय, 28 साल बाद पद पर फिर दलित

Mon Mar 25 , 2024
नई दिल्‍ली (New Delhi)। JNU यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए छात्रसंघ (student Union)के चुनाव में लेफ्ट ने जीत (Left won)हासिल कर ली है। यूनिवर्सिटी में PhD कर रहे बिहार के छात्र धनंजय(Dhananjay) को JNUSU का अध्यक्ष चुन लिया गया है। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को सभी 4 केंद्रीय सीटों पर हार का […]