- सौर ऊर्जा… प्रधानमंत्री से लेकर नगर निगम तक की कवायद को झटका देने के प्रयास
इंदौर। अभी अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मकसद से सूर्योदय योजना घोषित की है, जिसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा और एक करोड़ से ज्यादा घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। वहीं इंदौर नगर निगम भी शहर को सोलर सिटी बनाने की कवायद में जुटा है और कल भी इस संबंध में महापौर ने बैठक ली। मगर दूसरी तरफ बिजली कम्पनी सौर ऊर्जा पर सरचार्ज ठोंकने पर आमादा है। कुछ साल पहले कैप्टीव पॉवर प्लांट को लेकर भी बिजली बोर्ड उद्योगपतियों से अतिरिक्त राशि वसूलता था। यानी वह खुद बिजली नहीं दे सकता और अगर बिजली पैदा करो तो उस पर सरचार्ज आरोपित करता है, अभी सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है और इंदौर में ही कई उद्योगों, दफ्तरों से लेकर घरों में सोलर सिस्टम अपनाया जा रहा है, तो नगर निगम सोलर सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
मगर पिछले दिनों बिजली कम्पनियों ने नियामक आयोग के समक्ष दर वृद्धि की जो याचिकाएं दायर की हैं, जिस पर अभी सुनवाई भी होना है और लगभग 4 फीसदी दर वृद्धि की मांग की है। उस पर सोलर ऊर्जा पर भी प्रति यूनिट लगभग 80 पैसे का सरचार्ज वसूला जाएगा। सोलर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली पर इस 20 प्रतिशत ग्रीड सपोर्टिंग चार्ज की राशि का औद्योगिक संगठनों ने भी विरोध करते हुए अपनी आपत्तियां आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर दी है। इनका कहना है कि पहले तो सौर ऊर्जा संयंत्र पर लाखों रुपए की राशि खर्च करना होगी, जिस पर ब्याज भी लगेगा और अब बिजली कम्पनी उस पर सरचार्ज भी आरोपित कर रही है। इससे सौर बिजली जहां महंगी होगी, वहीं उसको लेकर जो जन-जागरण अभियान चल रहा है और अधिक से अधिक लोग सौर ऊर्जा को अपनाना चाहते हैं उन्हें भी झटका लगेगा। जबकि केन्द्र सरकार के ही सौर ऊर्जा को लेकर जो निर्देश हैं, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि सोलर या अन्य रीन्यूएबल सोर्स से हासिल की जाने वाली बिजली पर राज्य सरकारें कोई टैक्स नहीं लगा सकती। जबकि प्रदेश की बिजली कम्पनियां 2 रुपए प्रति यूनिट फिक्स चार्ज भी वसूल कर रही है और अभी प्रधानमंत्री ने सूर्योदय योजना भी घोषित की, उसे भी झटका लगेगा। कल ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 22 झोन की एक-एक कॉलोनी में सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य तय किया है।
Share: