नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के फ्रांस दौरे (France Tour) के बीच, यूरोपीय संसद ने मणिपुर हिंसा पर एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि यूरोपीय संघ “भाजपा पार्टी के प्रमुख सदस्यों द्वारा की गई राष्ट्रवादी बयानबाजी की कड़े शब्दों में निंदा करता है।” इस पर भारत सरकार ने जवाब दिया है कि यह पूरी तरह से आंतरिक मामला है।[relpsot]
फ्रांस के स्ट्रासबर्ग (Strasbourg, France) में चल रहे पूर्ण सत्र के दौरान मानव अधिकारों, लोकतंत्र एवं कानून के शासन के उल्लंघन के मामलों पर बहस के दौरान मणिपुर में जातीय झड़पों पर भी चर्चा हुई। मणिपुर हिंसा (Manipur voilence) पर बहस को संसद के एजेंडे में दो दिन पहले ही शामिल किया गया था। पूर्वोत्तर भारतीय राज्य ‘मणिपुर की स्थिति’ पर चर्चा के दौरान प्रस्ताव में यूरोपीय संघ से “भारत के साथ अपने संबंधों के केंद्र में मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों को रखने” का आह्वान किया गया है।
मणिपुर में हिंसा, जानमाल की हानि और संपत्ति के विनाश की निंदा करते हुए, यूरोपीय संघ की संसद ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह “भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख सदस्यों द्वारा की गई राष्ट्रवादी बयानबाजी की सबसे मजबूत शब्दों में निंदा करती है।” हालांकि भारत ने इसे अपना आंतरिक मामला बताया है। यूरोपीय संघ की संसद ने देश की परिस्थितियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि “अल्पसंख्यकों, नागरिक समाज, मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों को नियमित रूप से उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को विशेष रूप से यौन हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। आदिवासी और धार्मिक पृष्ठभूमि से संबंधित गंभीर चुनौतियों और उनके अधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़ता है।”
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