बड़ी खबर

प्रसिद्ध वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन, हरित क्रांति के थे जनक

नई दिल्लीः भारत की हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले एम एस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया. एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मशहूर कृषि वैज्ञानिक का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था. उनके परिवार में तीन बेटियां हैं.

एमएस स्वामीनाथन ने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिली कि भारत के कम आय वाले किसान अधिक उपज पैदा करें.

पीएम मोदी ने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया, ‘डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी के निधन से गहरा दुख हुआ. हमारे देश के इतिहास के एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय में, कृषि में उनके अभूतपूर्व कार्य ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की.’


एमएस स्वामीनाथन कौन थे?
7 अगस्त, 1925 को जन्मे मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन के पास दुनिया को भूख और गरीबी से छुटकारा दिलाने का दृष्टिकोण था. सतत विकास और जैव-विविधता के संरक्षण के समर्थक स्वामीनाथन को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा ‘आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक’ के रूप में वर्णित किया गया है. स्वामीनाथन के पास दो स्नातक डिग्रियां थीं. एक जंतु विज्ञान में और दूसरा कृषि विज्ञान में, हालांकि 1943 में बंगाल के अकाल का अनुभव करने के बाद उन्होंने कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया.

वर्ष 1960 में जब भारत भोजन की बड़े पैमाने पर कमी का सामना कर रहा था, तब एमएस स्वामीनाथन ने नॉर्मन बोरलॉग और अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं के HYV (उच्च उपज देने वाली किस्म) बीज विकसित किए. उन्होंने 1972 से 1979 तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और 1982 से 1988 के बीच अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक के रूप में कार्य किया. स्वामीनाथन ने 1979 में कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव के रूप में भी कार्य किया.

Share:

Next Post

अमृत पैलेस कॉलोनी में 2 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन | Bhoomipujan of development works worth Rs 2 crore in Amrit Palace Colony

Thu Sep 28 , 2023