नई दिल्ली। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार से किसानों के साथ बातचीत को लेकर मंशा स्पष्ट करने को कहा है। उसका कहना है कि सरकार प्रस्ताव तो भेजती है लेकिन किसानों की समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने को लेकर उनकी मंशा साफ नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत आज जारी की गई 18 हजार करोड़ की राशि पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि सरकार कहती है कि उसकी मदद सीधे किसानों के खाते में जाएगी लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी किए गए 18,000 करोड़ रुपये की राशि के किसानों तक पहुंचने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ आमने-सामने बात करने की हिम्मत मोदी जी में नहीं है। ऐसे में किसानों के हित की बात करने वाली सरकार पर कैसे भरोसा किया जाए। किसानों के बैंक खातों में सीधे 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने को लेकर उन्होंने कहा कि अब भी सिस्टम में बिचौलिये मौजूद हैं, जिसके कारण पूरी राशि किसानों तक नहीं पहुंच रही है। सरकार को अपनी योजनाओं और सिस्टम की जांच करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी सरकार को किसानों से सीधा संवाद करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, “इस समय किसानों को भाजपा के खोखले भाषणों और उपदेशों की ज़रूरत नहीं है। उन्हें काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए ठोस समाधान की आवश्यकता है। मोनोलॉग्स और ऑर्केस्ट्रेटेड रैलियों में लिप्त होने के बजाय भाजपा नेतृत्व को सिंघू, टिकरी और अन्य विरोध स्थल पर जाकर किसानों से बात करनी चाहिए।”
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत नौ करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की राशि हस्तांतरित की। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 6 राज्यों (हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा) के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लगातार किसानों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है और नया कृषि कानून इसी कोशिश की एक कड़ी है।
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