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लश्करगाह में तालिबान से आर-पार की लड़ाई, अफगान सेना ने मार गिराए 77 आतंकी

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेलमंद प्रांत(Helmand Province) की राजधानी लश्करगाह (Lashkargah) में अफगान सेना(afghan army) व तालिबान(Taliban) में जंग गहरा गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान अफगान वायुसेना ने हवाई हमलों में 77 तालिबान आतंकी मार गिराए (77 Taliban terrorists killed) हैं। इनमें तालिबान सैन्य आयोग के तीन प्रमुख शामिल (Three heads of Taliban military commission included) हैं।
अफगान वायुसेना के हमलों में पिछले एक दिन में 22 अन्य आतंकी घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक लश्करगाह के बाहरी इलाके में तालिबान सैन्य आयोग के 3 प्रमुखों का मारा जाना एक बड़ी कामयाबी है। मारे गए अन्य दुर्दांत आतंकियों में बाहर के लोग भी शामिल बताए जाते हैं। मंगलवार को भी हेलमंद प्रांत में आतंकियों के खिलाफ अफगान सैन्य अभियान जारी रहा।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने आतंकियों के मारे जाने और देश के कई शहरों में भीषण संघर्ष जारी रहने की पुष्टि कर दी है। पिछले कुछ सप्ताहों में तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर पर भी कब्जा जमा लिया है।
अफगानिस्तान के उप रक्षामंत्री के प्रवक्ता फवाद अमन ने बताया कि तालिबान के कब्जे वाले इलाके वापस लिए जाएंगे। इस बीच, तालिबान देश के 223 जिलों में कब्जा कर चुका है और 116 जिलों में उसकी अफगान सेना से लड़ाई जारी है।


17 से 34 जिलों में तालिबान से खतरा
खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान में हालात बेहद खतरनाक हैं। यहां सरकार के कब्जे में 68 जिले ही बचे हैं। देश के करीब 17 से 34 जिले ऐसे हैं जिनको तालिबान से जबरदस्त खतरा है। आपको बता दें कि तालिबान ये स्पष्ट कर चुका है कि देश में शांति तभी स्थापित होगी जब देश की चुनी गई सरकार यहां से चली जाएगी।

दोबारा आतंकी शिविरों की वापसी नहीं झेल सकते : तिरुमूर्ति
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और अगस्त माह के लिए सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात परिषद के सभी सदस्यों के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि एक बार फिर हम इस युद्ध प्रभावित देश में आतंकी शिविरों की वापसी नहीं झेल सकते और इसका भारत पर ‘सीधा असर’ होगा। तिरुमूर्ति ने पत्रकारों से कहा, हमने हाल के दिनों में देखा है कि वहां हिंसा बढ़ती ही जा रही है। तिरुमूर्ति ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम स्वतंत्र, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक एवं स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहते हैं।

शांति से पाकिस्‍तान को होगा सर्वाधिक लाभ : अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में पाक की अहम भूमिका रहेगी और पड़ोसी मुल्क में शांति का सर्वाधिक लाभ पाक को ही होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, हम हम साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए साथ मिल कर काम करने के मकसद से हरसंभव तरीकों की तलाश जारी रखेंगे।

ब्रिटेन-अमेरिका ने कहा, नरसंहार कर रहा तालिबान
अफगानिस्तान में अमेरिका व ब्रिटिश दूतावासों ने तालिबान पर नागरिकों की बदले की भावना से हत्या करने का आरोप लगाया है। ऐसे समय में जब तालिबान को सबसे बड़े शहर पर कब्जा करने से रोकने के लिए अफगान सेना जंग लड़ रही है, दोनों देशों ने तालिबान पर पाकिस्तानी सीमा के पास हाल ही में कब्जाए शहरों के भीतर नरसंहार के आरोप लगाए हैं।
अमेरिकी दूतावास ने कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में दर्जनों नागरिकों की हत्या करने का आरोप लगाया। इस बयान को ब्रिटिश दूतावास ने भी ट्वीट किया था। यह बयान अफगानिस्तान स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के बाद आया है।

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