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‘अपना केस खुद लड़ूंगा’, कोर्ट में बोला केरल ब्लास्ट का आरोपी डोमिनिक मार्टिन

नई दिल्‍ली (New Dehli)। केरल (Kerala)के एर्नाकुलम में ईसाई समुदाय (Christian community)के यहोवा विटनेस (Jehovah’s Witnesses) कन्वेंशन सेंटर में बम ब्लास्ट के आरोपी (blast accused)ने अपना केस खुद लड़ने की इच्छा जाहिर की है. धमाके के आरोपी डोमिनिक मार्टिन (Dominic Martin)को मंगलवार को एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशन कोर्ट(Ernakulam Principal Sessions Court) में पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट ने उससे पूछा कि क्या उसे कानूनी सहायता चाहिए. इस पर डोमिनिक ने यह कहकर मना कर दिया कि वह अपना केस खुद लड़ेगा. इसका कारण बताते हुए उसने कहा कि वह अपने विचारों को खुद व्यक्त करना चाहता है. इसके बाद अदालत ने उसे 29 नवंबर तक एर्नाकुलम की जिला जेल भेज दिया.


दरअसल, केरल के एर्नाकुलम में ईसाई धर्म के यहोवा समुदाय के कन्वेंशन सेंटर में सीरियल ब्लास्ट हुए. इन धमाकों में 3 लोगों की मौत हो गई. वारदात के कुछ घंटे बाद डोमिनिक मार्टिन नामक शख्स ने त्रिशूर जिले के कोडकारा पुलिस स्टेशन में यह दावा करते हुए सरेंडर कर दिया कि उसने ही कन्वेंशन सेंटर में बम लगाया था. इससे पहले उसने फेसबुक लाइव करके धमाकों के पीछे की वजह भी बताई.

आरोपी का दावा- विचारधारा पसंद नहीं

डोमिनिक मार्टिन ने दावा किया कि वो भी ईसाई धर्म के यहोवा विटनेस समूह से संबंधित है. लेकिन उसको उनकी विचारधारा पसंद नहीं है. उन्हें वो देश के लिए खतरा मानता है. क्योंकि वो लोग देश के युवाओं के दिमाग में जहर घोल रहे हैं. इसलिए उसने उनकी प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट किया.

धमाके की जिम्मेदारी लेते हुए किया सरेंडर

डोमिनिक मार्टिन ने फेसबुक लाइव के दौरान यह भी कहा था कि उसे खोजने की जरूरत नहीं है. वो खुद इन धमाकों की जिम्मेदारी लेते हुए पुलिस के सामने सरेंडर कर रहा है. फेसबुक लाइव में मार्टिन ने कहा था,’मैं यहोवा विटनेस के उपदेशों से सहमत नहीं हूं, हालांकि मैं उनमें से ही एक हूं, लेकिन उनकी विचारधारा खतरनाक है. ये समूह देश के लिए घातक है. वो लोग छोटे बच्चों के दिमाग में जहर फैला रहे हैं. उनकी विचारधारा गलत है. वो झूठ फैला रहे हैं. आज कन्वेंशन सेंटर में प्रार्थन सभा के दौरान जो कुछ हुआ है, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं.’

पूरे देश में सिर्फ 60 हजार है आबादी

बता दें कि यहोवा विटनेस समुदाय का ताल्लुक ईसाई समुदाय से है. यह ईसाई धर्म का ही एक संप्रदाय है. वैसे तो 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की कुल आबादी में ईसाइयों की तादाद 2.4 फीसदी (करीब 2.8 करोड़) है. लेकिन इसमें यहोवा विटनेस सिर्फ 60 हजार हैं. यानी पूरे भारत में यहोवा विटनेस की आबादी सिर्फ 1 लाख से भी कम है. पूरी दुनिया में जितने भी यहोवा विटनेस हैं, यह उनकी आबादी का सिर्फ 0.002 फीसदी है.

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