जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

जमीन खुर्दबुर्द करने वाले पीसी सिंह पर दर्ज हो सकती है एफआईआर !

जबलपुर। समाजिक एवं शैक्षणिक कार्य के लिए शासन से लीज पर ली गई जमीनों को व्यापारिक इस्तेमाल एवं सुनियोजित तरीके से एक प्लॉट की अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में एफआईआर दर्ज हो सकती है। प्रशासन की टीम यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी से जुड़ी सभी जमीनों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। चीटिंगबाजी सहित दस्तावेजों में हेरफेर करने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद मुकदमा दर्ज होगा। यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की 136 करोड़ की 1 लाख 70 हजार वर्गफीट जमीन शासन के नाम पर दर्ज होगी। अपर कलेक्टर न्यायालय शेर सिंह मीणा ने लीज नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया है।7 ईओडब्ल्यू टीम द्वारा की गई सर्च कार्रवाई में पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन कर उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरुपयोग कर जमीन संबंधित कई लफड़े कर करोड़ों का गबन करने के साक्ष्य मिले थे। वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक शैक्षणिक संस्था की करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर करने के प्रथम दृष्टया प्रमाण ईओडब्ल्यू को मिले थे। सर्च दौरान ईओडब्ल्यू को पीसी सिंह के निवास से करीब 81 लाख के जेवर, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 18 हजार 552 डॉलर 118 पाउंड के साथ 17 संस्थानों के दस्तावेज मिले थे।गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सहयोग से विशप पीसी सिंह को नागपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था। विशप ने 2 बेशकीमती प्लॉट की रजिस्ट्री आधे दाम पर अपने नाम दर्ज करा ली थी। ईओडब्ल्यू ने आरोपी बिशप पीसी सिंह के विरुद्ध धारा 406, 420, 668, 47, 120 बी का प्रकरण पंजीबद्ध किया था।



42 लोगों को बेच दिए गए भूखंड
वहीं बात का भी खुलासा हुआ है कि ब्लाक नम्बर चार के प्लाट नम्बर 15 की जमीन में से 42 लोगों को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के भूखंडों को बेच दिया गया. प्रकरण में अन्य लोगों द्वारा भी आपत्ति प्रस्तुत की गई थी कि लीज का नवीनीकरण हुआ तो कालोनीवासियों को आने-जाने में परेशानी होगी, बच्चों के खेलने का मैदान समाप्त हो जाएगा.

रिसीवर बिठाने की मांग
वहीं दूसरी ओर आरटीआई कार्यकर्ता नितिन लॉरेंस ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को पत्र लिखकर कहा है कि गैर कानूनी तरीके से मिशन की जमीनों का बंदरबांट करने वाले पीसी सिंह के कारनामे सामने आए है. जबलपुर में वर्तमान में कोई भी चेयरपर्सन नहीं है जो स्कूलों से संबंधित लेनदेन कर अपनी भागीदारी निभा सके. यदि दिल्ली सीएसआई के उच्चाधिकारी जबलपुर में किसी को चेयर पर्सन नियुक्त करते है तो यह भी असंवैधानिक होगा. नितिन लॉरेंस ने मांग की है कि सीएम शिवराजसिंह द्वारा जिला कलेक्टर को आदेश देकर यहां पर रिसीवर नियुक्त किया जाए. जो शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित कर सके, यहां पर जो भी घोटाले हुए है उनकी जांच कर सच्चाई सामने लाई जाए.

आवासीय जमीन का व्यवसायिक उपयोग
गौरतलब है कि आवासीय उपयोग के लिए दी गई जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया गया है. यहां पर इंडियन ओवरसीज बैंक व भारतीय खाद्य निगम, एटीएम, सद्भावना भवन, आशा विकास केन्द्र व चर्च आदि संचालित हो रहे है. यहां तक कि ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह ने दो प्लाट आधी कीमत पर बेचकर स्वयं ही खरीद लिए. इन दोनों प्लाट की वर्तमान कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा है.

Share:

Next Post

नर्मदा के सामान्य जलस्तर से 300 मीटर दायरे में प्रतिबंधित हैं निर्माण कार्य

Sun Sep 25 , 2022
राज्य सरकार का हाई कोर्ट में जवाब, टीएनसीपी के नियमों का हवाला जबलपुर। राज्य सरकार ने नर्मदा किनारे अतिक्रमण के मामले में हाई कोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर बताया कि नर्मदा नदी के हाई फ्लड लेवल से नहीं, बल्कि सामान्य जलस्तर से 300 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य प्रतिबंधित हैं। कोर्ट को बताया कि […]